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Gaganyaan Mission In Hindi: गगनयान मिशन क्या है? गगनयान मिशन कब लॉन्च होगा? जानिए इसका उद्देश्य | 1St Human Space Mission Of India

भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान मिशन 2023: गगनयान मिशन कब लॉन्च होगा? गगनयान मिशन क्या है? गगनयान मिशन पर निबंध इसका महत्व, उद्देश्य, शुरुआत, गगनयान मिशन कब लांच होगा। (What Is Gaganyaan Mission In Hindi, Gaganyaan Mission Launch Date In Hindi, Facts About Gaganyaan Mission, Essay On Gaganyaan Mission In Hindi, India’s first human space mission gaganyaan will be launched in which year)

अंतरिक्ष की दुनिया में रहस्यों को खोलने की होड़ लगी हुई है। आज दुनिया भर के विभिन्न देश अंतरिक्ष प्रोग्राम के जरिए अंतरिक्ष एवं ग्रहों, उपग्रहों की खोजबीन कर रहे हैं। हमारा भारत भी अब इस दौड़ में किसी देश से पीछे नहीं है।

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हाल ही में भारत ने अपने चंद्रयान 3 मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है और विश्व का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना चंद्रयान उतारा है। किसी के साथ-साथ भारत विश्व का चौथा ऐसा देश है जो चंद्रमा की सतह पर पहुंच चुका है।

भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO द्वारा एस सोमनाथ की अगुआई में आदित्य एल 1 मिशन लॉन्च किया जा रहा है।

आदित्य एल 1 के बाद अगली बारी मिशन गगनयान की होगी जिसमें पहली बार भारत द्वारा अंतरिक्ष यात्री भेजे जाएंगे। यह भारत का पहला मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन होगा जिसकी चर्चा आज संपूर्ण विश्व में है।

गगनयान मिशन भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी जिससे हमारा देश विश्व की एक नई अंतरिक्ष महाशक्ति बनकर उभरेगा।

यह मिशन 2024 तक लॉन्च होने की संभावना है। इसीलिए पूरे विश्व की नजरें भारत पर गड़ी हुई है। अतः गगनयान मिशन भारत के लिए बहुत जरूरी हो जाता है। और आपके लिए भी गगनयान मिशन के बारे में जानना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है।

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इसीलिए आज के लिए हम आपको बताएंगे कि गगनयान मिशन क्या है? (Gaganyaan Mission In Hindi), गगनयान मिशन 2023, गगनयान मिशन का इतिहास क्या है? (History Of Gaganyaan Mission In Hindi) गगनयान मिशन की शुरुआत कब हुई, गगनयान मिशन पर निबंध (Essay on Gaganyaan Mission In Hindi) तथा गगनयान मिशन की ट्रेनिंग से लेकर के, गगनयान अभियान की सबसे ताज़ा न्यूज़ तक हम आपको सारी जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

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विषय–सूची

इसरों के गगनयान मिशन की खास बातें (Facts About Gaganyaan Mission in hindi)

गगनयान मिशन क्या है? (ISRO Gaganyaan Mission in hindi)

गगनयान मिशन एक तरीके से मानव अंतरिक्ष उड़ान की एक परिकल्पना है, जिसे सत्यता में साकार करने के लिए भारत के महान विद्वान वैज्ञानिक अपनी पूरी मेहनत कर रहे हैं। Gaganyaan Mission जिसे Gaganyaan Program भी कहा जाता है, इसके अंतर्गत मानव अंतरिक्ष उड़ान एक पृथ्वी की निचली कक्षाओं के लिए उड़ान भरेगी। और यह लंबे समय के लिए मूल रूप से सतत भारतीय मानव अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम की एक मजबूत नींव रखेगा।

गगनयान मिशन के अंतर्गत 3 अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस फ्लाइट में भेजा जाएगा जो कि पृथ्वी के निचली ऑर्बिट का चक्कर लगाएंगे। इस मिशन के शुरुआत के लिए ही भारत सरकार ने दो मानव रहित मिशन को भी अप्रूव किया है, जिसके बाद में 3 अंतरिक्ष यात्रियों को एक ही अंतरिक्ष विमान के अंदर अंतरिक्ष में भेजकर के Mission को पूर्ण किया जाएगा।

Gaganyaan Mission का उद्देश्य क्या है?

गगनयान मिशन के अंतर्गत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400-500 किलोमीटर की दूरी पर 5 से 7 दिनों के लिए चक्कर लगाएगा। इस गगनयान मिशन का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि क्या भारत भी अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों को भेज सकता है या नहीं। और इसके लिए सबसे पहले Lower Earth Orbit में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा और इसके लिए गगनयान मिशन का शुभारंभ किया गया है।

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गगनयान मिशन की शुरुआत कब हुई?

सन 2018 में ही गगनयान के बारे में बातें बाहर आने लगी थी, लेकिन 2020 में इसकी मुख्य तारीख बाहर आ गई थी, जिसमें यह बताया गया था कि अगस्त 2022 तक भारत 3 स्पेस फ्लाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा। लेकिन विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रालय से यह नोटिफिकेशन जारी किया गया कि अब इस मिशन की नई तारीख सन 2023 में दी जाएगी यानी कि अब यह गगनयान मिशन 2023 में पूरा किया जाएगा।

भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर के कई महान काम किए हैं, जिसकी वजह से भारत की इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन एक महान स्पेस आर्गेनाईजेशन के तौर पर उभरकर के सामने आई है।

इसीलिए पूरे विश्व को भारत से यह उम्मीद है कि भारत अपनी क्षमता जरूर पहचानेगा और इस मिशन में कामयाब होगा। Gaganyaan Mission के अंतर्गत भारत 3 स्पेस फ्लाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा। जिसमें से दो मानव रहित होंगी तथा एक में तीन एस्ट्रोनॉट को 5 से 7 दिनों के लिए पृथ्वी की आंतरिक कक्षा में चक्कर लगाया जाएगा।

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गगनयान मिशन 2023 क्या है?

गगनयान मिशन भारत का एक मुख्य अंतरिक्ष यात्रा मिशन है, जिसमें 2 मानवों को एक अंतरिक्ष यान में बिठाकर के पृथ्वी की निचली ऑर्बिट में यानी कि पृथ्वी की सतह से तकरीबन 400 से 500 किलोमीटर दूर भेजा जाएगा, और वहां से वे पृथ्वी के चक्कर लगाते हुए तकरीबन 5 से 7 दिन का समय व्यतीत करेंगे। यह करके भारत यह देखना चाहता है कि क्या भारत भी अंतरिक्ष मानव मिशन को कर पाने में सक्षम है या नहीं।

सन 2020 में इसके लिए भारत के विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय के द्वारा यह गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया गया था कि सन 2022 की शुरुआत में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन 3 स्पेस फ्लाइट को लॉन्च करेगी, जिसमें से दो मानव रहित होंगी तथा एक में तीन अंतरिक्ष यात्री बैठे होंगे। लेकिन शुरु में कोविड महामारी और ISRO के अन्य स्पेस प्रोजेक्ट की वजह से यह तारीख थोड़ी आगे खिसक गई।

अब ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि आदित्य एल 1 मिशन को अंजाम देने के बाद इसरो द्वारा इस मिशन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि गगनयान मिशन की लॉन्चिंग साल 2023 के अंत तक भी संभव है लेकिन ज्यादातर रिपोर्ट्स की माने तो अब यह प्रोजेक्ट साल 2024 में किया जाएगा।

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गगनयान मिशन का इतिहास (History Of Gaganyaan Mission In Hindi)

Gaganyaan Mission का इतिहास इतना ज्यादा भी पुराना नहीं है, क्योंकि रूस ने काफी बार मानव स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजा है। इसके बाद में अमेरिका ने भी पृथ्वी के Lower Orbit में मानव स्पेसक्राफ्ट को भेजा है। यहां तक की अमेरिका ने अपना मानव स्पेसक्राफ्ट चांद पर भी भेजा है, और इसके बाद में 5 मई 2020 को चाइना ने पृथ्वी के लोअर ऑर्बिट में अपने यान को भेज करके अपने कैपेबिलिटी को साबित किया। अब इसके बाद में चाइना के अपना स्पेस स्टेशन भी तैयार किया है।

इसी को लेकर के भारत से भी उम्मीदें लगाई जा रही थी कि भारत भी मानव स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजेगा। और इस से लेकर के 2018 से ही बातें शुरू हुई थी। गगनयान मिशन के बारे में 2018 से ही अटकले लगना शुरू हो गई थी। और लोगों ने बातें करना शुरू कर दिया था। लेकिन जब 2020 में चाइना ने अपना अंतरिक्ष यान पृथ्वी के Lower Orbit में भेज करके अपने मानव अंतरिक्ष यात्रा के कार्यक्रम को पूर्ण किया था, उसके बाद में भारत ने भी अपने मानव अंतरिक्ष यात्रा को सार्थक रूप देने के लिए गगनयान के ऊपर जोर शोर से काम करना शुरू कर दिया था।

गगनयान मिशन की कुल लागत कितनी है? (Gaganyaan Mission Budget)

Gaganyaan Mission मिशन की की कुल लागत के बारे में बहुत सी बातें कही जा रही है कुछ लोग कह रहे है की इसमें 9000 करोड़ खर्च हुए है और कुछ तथ्य यह कहते है की इसमें 1200 करोड़ से अधिक का खर्चा आया है लेकिन, इसरो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार गगनयान प्रोग्राम की कुल लागत 9023 करोड रुपए की है। तथा 9023 करोड़ रुपए में इस गगनयान मिशन को पूर्ण रूप से गतिमान किया जाएगा। भारत यदि इस गगनयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लेता है तो भारत पूरे विश्व में वह चौथा देश हो जाएगा, जिसने अमेरिका रूस और चाइना के बाद में अंतरिक्ष में अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा है।

गगनयान मिशन कब लांच होगा?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शुरू में जब इस मिशन की घोषणा की गई थी तो बताया गया था कि इस मिशन की शुरुआत साल 2022 से ही हो जाएगी जो कई चरणों में पूरा होगा और साल 2023 के अंत तक खत्म हो जाएगा।

लेकिन इस बीच भारत एवं विश्व में फैली कोविड महामारी के कारण इसरो द्वारा बनाई गई इस योजना को टालना पड़ा। कोविड महामारी टालने के बाद भी इसरो के कई महत्वपूर्ण मिशन बाकी थे जिनकी लॉन्चिग की गई।

मिशन चंद्रयान भी इनमें से एक था जो अब भारत में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला विश्व का चौथा देश बन गया है जबकि भारत अब चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश है।

मिशन चंद्रयान को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद इसरो द्वारा मिशन आदित्य एल 1 की योजना को हाल ही में अंजाम दिया जाना है। अब यह संभावना जताई जा रही है कि इस मिशन की लांचिंग के बाद इसरो का अगला कदम गगनयान मिशन होगा।

कुछ रिपोर्टर्स की माने तो साल 2023 के अंत तक भी इसरो द्वारा गगनयान मिशन की शुरुआत की जा सकती है लेकिन ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि साल 2024 के शुरुआती महीनों में यह मिशन लॉन्च किया जाएगा हालांकि इसरो द्वारा अभी तक किस बात को लेकर कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

गगनयान मिशन की ट्रेनिंग –

सन 2019 के जून के महीने में ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर जो कि इसरो की एक शाखा है, तथा रूस सरकार के द्वारा अधिकृत ग्लवकोसमॉस ने एक ट्रेनिंग कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए। जिसमें इस इस गगनयान मिशन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे कि रूस भारत की मदद गगनयान मिशन की ट्रेनिंग के लिए करेगा। क्योंकि रूस ने पहले भी मानवों को अंतरिक्ष में भेजा है। इसके लिए रूस की मदद से यह ट्रेनिंग प्रोग्राम कंप्लीट किया गया। जिसमें क्षेत्र सोयुज एयरक्राफ्ट की सहायता से भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों ने इस अंतरिक्ष यात्रा की ट्रेनिंग को पूरा किया। इस एयरक्राफ्ट का नाम सोयूज है जिसे सोयूज स्पेसक्राफ्ट के नाम से भी जाना जाता है।

  • इसरों ने भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोसमोस(Roskosmos) को सौंपी है इसके लिये दोनों के बीच में अनुबंध भी किया गया है।
  • सभी अंतरिक्ष यात्रियों को वायु सेना से लिया जायेगा। इसके लिये 25 को शॉर्टलिस्ट भी किया गया है। इनको एक वर्ष के लिये रुस में ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

गगनयान मिशन का स्पेस सूट

गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों के सूट को संतरी रंग (Orange) का होगा, जिसका निर्माण विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर द्वारा किया जाएगा। यह सूट ऑल्ट्रावाइलेट सूर्य के प्रकाश, अंतरिक्ष के कठोर वातावरण में स्पेस यात्रियों की रक्षा करेगा। इसमें लगे ऑक्सीजन सेलेंडर से एक घंटे की ऑक्सीजन ली जा सकती है।

व्योमनोट कौन है? (Who is Vyomanauts?)

भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को व्योमनोट नाम दिया गया है, यह शब्द संस्कृत से लिया गया है जिसमे व्योम का अर्थ अंतरिक्ष है।
जानकारी के लिये बता दे इस मिशन से पहले मानवरहित मिशन होंगे जिसमें दो मानव की शक्ल वाले ह्यूमन रोबोट भेजा जाएगा, जिसका नाम ‘व्योममित्र’ का नाम रखा गया है। इसी के तहस पहले के देशों ने ट्रॉयल के तौर पर पशुओं व विभिन्न जीवों को अंतरिक्ष में भेजा था।

लेकिन भारत इस ट्रॉयल मिशन के लिये रोबोट का इस्तेमाल करेगा। यह रोबोट ऑटिफीशियल इंटेलिजेंस की मदद से मानव की तरह व्यवहार व कार्य करेंगे।

निष्कर्ष

तो आज के लेख में हमने जाना की गगनयान मिशन क्या है, गगनयान मिशन का उद्देश्य क्या है, इसकी लागत क्या है और इसकी शुरुआत से लेकर के इसके बारे में सबसे नयी खबर तक हमने आपको बताया और हमने आपको यह भी बताया की यदि भारत अपने इस मिशन में कामयाब होता है तो उसका परिणाम क्या होगा। तो आज के लेख में हमने गगनयान मिशन के बारे में सारी जानकारी हासिल कर ली है।हम आशा करते है की आपको यह लेख पसंद आया होगा।

FAQ

इसरो गगनयान मिशन कब लांच करेगा?

2023 अथवा 2024 की शुरुआत में गगनयान मिशन लांच किया जाएगा

गगनयान मिशन के मानव रोबोट का नाम क्या है?

व्योममित्र

भारत ने गगनयान मिशन पर कितना खर्चा किया है

9,023 करोड़

गगनयान किस राकेट इंजन से लॉच किया जाएगा।

जीएसएलवी एम के-3

गगनयान मिशन में कितने अंतरिक्ष यात्री जाएंगे?

4 अंतरिक्ष यात्री

इसरो के वर्तमान चेयरमैन कौन हैं

डॉ. एस सोमनाथ, एयरोस्पेस इंजिनियर व राकेट साइंटिस्ट

इसरों के नये अंतरिक्ष मिशन कौन से है

चंद्रयान-3, शुक्रयान मिशन एवं आदित्य एल-1

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