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ऊर्जा संरक्षण दिवस पर निबंध, भाषण | Speech and Essay on National Energy Conservation Day in Hindi

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राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 – आधुनिक युग में विज्ञान और तकनीकी अपनी चरम सीमा पर हैं। बढ़ती तकनीक के साथ-साथ इंसानों ने भी अपनी सुख सुविधा के लिए विभिन्न प्रकार के साधन जुटा लिए हैं। इन साधनों को इकट्ठा करने के बावजूद भी इंसान की इच्छाएं और जरूरतें थमने का नाम नहीं ले रहीं बल्कि बढ़ती ही जा रही हैं।

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आज इंसान ने अपनी सुविधा के लिए कल-कारखाने, मोटर गाड़ियां, हवाई जहाज रेलगाड़ियां, जनरेटर, और विभिन्न प्रकार के मोटरों जैसी तमाम यांत्रिक मशीनें बना लिए हैं। इन मशीनों को चलाने के लिए भारी मात्रा में ईंधन और ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है।

यही कारण है कि बढ़ती तकनीकी के साथ-साथ ऊर्जा की खपत में भी बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आज के दौर में सड़क पर मोटर गाड़ियों की संख्या और रेलगाड़ियों तथा हवाई जहाजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा मनुष्य अपने छोटे से छोटे काम के लिए भी मशीन पर निर्भर होते जा रहे हैं।

पेट्रोलियम तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला और विद्युत आदि ऊर्जा के सीमित स्तोत्र हैं, जिनकी खपत बहुत तेजी से हो रही है और अब उसी का नतीजा है कि ऊर्जा के विभिन्न संसाधनों पर उनके समाप्त होने का खतरा भी मंडरा रहा है।

ऐसे में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए और उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए भारतीय ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के आह्वान पर हर साल 14 दिसंबर के दिन भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (National Energy Conservation Day) मनाया जाता है ताकि ऊर्जा के बढ़ते हुए खपत को नियंत्रित और भविष्य में ऊर्जा की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर भारतीय ऊर्जा मंत्रालय, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE), और ऊर्जा संरक्षण पर काम करने वाली विभिन्न संस्थाओं द्वारा ऊर्जा संरक्षण पर वाद विवाद, निबंध लेखन और भाषण जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि इनके माध्यम से ऊर्जा संरक्षण की बात ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई जा सकते हैं।

तो चलिए आज इस आर्टिकल के जरिए ऊर्जा संरक्षण पर निबंध और भाषण कैसे लिखे (Essay and Speech On Energy Conservation Day In Hindi) के बारे में जानते हैं।

ऊर्जा संरक्षण दिवस पर निबंध | Speech-Essay-on-Energy-Conversion-Day-in-hindi

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 – ऊर्जा संरक्षण पर निबंध, (Energy Conservation Essay in Hindi)

संपूर्ण ब्रह्मांड और सृष्टि का संचालन ऊर्जा के माध्यम से ही होता है। काम छोटा से छोटा हो या फिर बहुत बड़ा हर काम को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। बिना ऊर्जा के कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता यही कारण है किकार्य करने की क्षमता को ही ऊर्जा कहते हैं।

बिना ऊर्जा के संसार और भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन आज के युग का मानव मशीनों पर पूरी तरह से आश्रित हो चुका है। आज के दौर में इंसान को छोटा से छोटा काम करने के लिए भी मशीनों का सहारा लेना पड़ता है। कोई भी काम करने के लिए मशीनों को ऊर्जा के विभिन्न संसाधनों की जरूरत पड़ती है जिन्हें हम ईंधन के रूप में भी जानते हैं।

लेकिन मशीनों के बढ़ते इस्तेमाल से ऊर्जा की खपत भी बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। मशीनों की आवश्यकता तथा इन पर निर्भरता के साथ-साथ भारत की बढ़ती जनसंख्या भी ऊर्जा के संसाधनों की तेज खपत का एक बड़ा कारण है। यही कारण है कि ऊर्जा की बढ़ती खपत के साथ-साथ इसके भंडारों के समाप्त होने की आशंका भी बढ़ती जा रही हैं।

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अगर भारत की जनसंख्या और इंसानों की मशीनों पर निर्भरता ऐसे ही बढ़ती रही तो वह दिन दूर नहीं जब आने वाली पीढ़ी को ऊर्जा संसाधनों की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। ऊर्जा के यह सभी संसाधन सीमित हैं जिनका भंडार बढ़ते उपयोग के साथ कम होता जा रहा है।

आने वाली पीढ़ी के दौर में ऊर्जा की मांग आज के मुकाबले 3 से 4 गुना ज्यादा होगी जबकि उर्जा के भंडारों की उपलब्धता आज के मुकाबले बेहद कम होगी। ऐसे में लोगों की जरूरत के अनुरूप ऊर्जा की आपूर्ति होना तो बिल्कुल असंभव है।

ऊर्जा संरक्षण को लेकर भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण कदम –

इन सारी समस्याओं से निपटने के लिए और लोगों को इन समस्याओं के प्रति जागरूक करने के लिए भारत सरकार ने कई सारे ठोस कदम उठाए हैं जिसमें ऊर्जा संरक्षण अधिनियम भी एक है।

साल 2001 में भारत की ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम को स्थापित किया था। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत की एक ऐसी संस्था है जो भारत सरकार के अधीन है और ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न मामलों में रणनीतियां बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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इतना ही नहीं भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हर साल राष्ट्रीय स्तर पर 14 दिसंबर के दिन राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाने ठोस कदम भी उठाया है जिसके जरिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों के बीच ऊर्जा संरक्षण के महत्व और उपायों का संदेश पहुंचाया जाता है।

आज दुनिया भर के विभिन्न देशों का संरक्षण के विभिन्न उपायों पर खोजा अनुसंधान में जुटे हुए हैं। ऊर्जा के स्रोत और संसाधनों में सौर ऊर्जा को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है क्योंकि इसे ऊर्जा का नवीन करणी स्रोत माना जाता है।

अगर बात करें भारत की तो भारत में ऊर्जा के खपत की आपूर्ति के लिए सबसे बड़ा साधन पेट्रोलियम ऊर्जा है। भारत में पेट्रोलियम का भंडार भी पर्याप्त नहीं है जिसके कारण भारत सरकार को ऊर्जा की आपूर्ति के लिए पेट्रोलियम तेल उत्पादक देशों से पेट्रोलियम का भारी मात्रा में आयात करना पड़ता है।

कभी-कभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम तेल की कीमत कितनी बढ़ जाती है कि इसका आयात करना भारतीय तेल कंपनियों के लिए संभव नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में ऊर्जा की खपत के लिए Petroleum आपूर्ति का सारा दारोमदार सरकार के कंधे पर आ जाता है जिसके कारण सरकार को तेल आयात करने वाली कंपनियों को सीमा कर जैसे सरकारी आय के स्रोतों में छूट देकर घाटा सहना पड़ता है।

एक नागरिक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हम अपने देश के भीतर मौजूद ऊर्जा संसाधनों की रक्षा करें और नए ऊर्जा संसाधनों की खोज करें। केवल नागरिक होने के नाते ही नहीं बल्कि हमें यह भी समझना होगा कि उर्जा की अनुपस्थिति में हमारा जीवन भी अंधकार में हो जाएगा। इसीलिए हमें एकजुट होकर ऊर्जा संरक्षण के बातों को समझना चाहिए तथा इसके विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिए।

ऊर्जा संरक्षण के सरल और बेहतर उपाय –

ऊर्जा संरक्षण करने के लिए इसके उपायों के बारे में समझना भी बेहद जरूरी है क्योंकि इसे समझने के बाद ही हम ऊर्जा संरक्षण के महत्व और इसके बचाव के तरीकों को समझ पाएंगे।

  • ऊर्जा संरक्षण करने के लिए हमें मशीनों पर अपनी निर्भरता कम कर देनी चाहिए। क्योंकि यंत्रों के संचालन में ऊर्जा की खपत बहुत ज्यादा होती है यही कारण है कि ऊर्जा के भंडार नष्ट होते जा रहे हैं।
  • ऐसी स्थिति में हमें अपना काम करने के लिए अपने शारीरिक बल का इस्तेमाल करना चाहिए और मशीनों पर अपनी निर्भरता कम कर देनी चाहिए। मशीनों का सहारा हमें केवल उन्हीं कार्यों को करने के लिए लेना चाहिए जिन्हें हम करने में समर्थन ना हो।
  • ऊर्जा संरक्षण करने के लिए हमें ऊर्जा की खपत को भी नियंत्रित करना होगा। ऐसा करने के लिए हमें विद्युत ऊर्जा, जल संसाधनों और पवन ऊर्जा के दुरुपयोग को बंद कर देना चाहिए और केवल जरूरत पड़ने पर ही ऊर्जा इन संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।
  • ऊर्जा संरक्षण यह भी बेहद जरूरी है कि हमें ऊर्जा संरक्षण के नए उपायों की तलाश करते रहनी चाहिए और ऊर्जा के नए संसाधनों को विकसित करने पर जोर देना चाहिए।
  • हालांकि हमारे देश के वैज्ञानिक भी जी जान के साथ इस उद्देश्य में जुटे हुए हैं कि ऊर्जा संरक्षण के लिए ऊर्जा के नए संसाधनों को विकसित किया जा सके। इस क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिकों को बायोगैस जैसे बेहतर विकल्प भी मिले हैं हालांकि अभी और भी नए संसाधनों के विकास की आवश्यकता है।
  • हमें ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिए तथा अपने आस-पड़ोस और दुनिया भर के लोगों को ऊर्जा संरक्षण के उपायों के बारे में बताना चाहिए तथा उन्हें ऊर्जा संरक्षण को लेकर जागरूक करना चाहिए।
  • ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और हमें इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाना चाहिए और ऐसे ही प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाते रहना चाहिए।

ऊर्जा संरक्षण पर भाषण (Energy Conservation Speech in Hindi)

अभिवादन!

जैसा कि हम सबको पता है आज के दौर में उर्जा के प्राकृतिक भंडारों की खपत कितनी तेज बढ़ गई है। बढ़ती जनसंख्या और ऊर्जा के संसाधनों का दुरुपयोग इन भंडारों के नष्ट होने का सबसे बड़ा कारण है।

हम सब जानते हैं कि पेट्रोल-डीजल, कोयला और इलेक्ट्रिसिटी जैसे सभी ऊर्जा स्रोत सीमित हैं जिनका लगातार तेज़ी से उपयोग करने पर समाप्त होने की आशंकाएं भी बढ़ती जा रही हैं। अगर ऐसे के ऊर्जा भंडारों में दिन-ब-दिन कमी आती रही तो एक न एक दिन ऐसा जरूर आएगा कि पृथ्वी पर से उर्जा के सारे प्राकृतिक भंडार खत्म हो जाएंगे और पृथ्वी पर मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

इसलिए मानवता के संरक्षण के लिहाज से ऊर्जा संरक्षण का मुद्दा बेहद जरूरी है। ऊर्जा संरक्षण का मतलब है, ऊर्जा का बचाव करना। आज मशीनों के युग में ऊर्जा का बहुत ज्यादा दुरूपयोग किया जा रहा है जिसके कारण ऊर्जा के भंडार खत्म होते जा रहे हैं। इसीलिए ऊर्जा संरक्षण यानी कि उर्जा का बचाव बेहद जरूरी है। ऊर्जा का बचाव करने के लिए हमें सबसे पहले ऊर्जा संरक्षण के महत्व को समझना चाहिए।

ऊर्जा की परिभाषा कहती है कि कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। अगर इसे सरल शब्दों में कहें तो इसका मतलब यह है कि ब्रह्मांड में छोटे से छोटा काम करने के लिए भी कार्य करने की क्षमता यानी कि ऊर्जा की आवश्यकता होती है। बिना ऊर्जा के ब्रह्मांड का कोई भी कार्य संपन्न नहीं हो सकता। अब इसी बात से आप ऊर्जा के महत्व का अंदाजा लगा सकते हैं।

खैर अब ऊर्जा संरक्षण के लिए दूसरी सबसे जरूरी चीज है ऊर्जा संरक्षण के उपायों पर चर्चा करना। जैसा कि हम सब जानते हैं कि आज का मानव मशीनों पर पूरी तरह से आश्रित हो गया है जिसके कारण ऊर्जा की खपत बढ़ गई है। अगर हम मशीनों पर पूर्ण आश्रित होना छोड़ दें और छोटे-मोटे कामों को खुद से निपटाना शुरू कर दें तो हम ऊर्जा की भारी बचत कर सकते हैं।

इसके अलावा हमें विद्युत ऊर्जा और पेट्रोलियम जैसे ऊर्जा संसाधनों का इस्तेमाल भी बेहद सावधानी के साथ करना चाहिए तथा इनका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।

इन सभी बिंदुओं के साथ-साथ हमें ऊर्जा संरक्षण के नए उपायों की भी तलाश करनी चाहिए क्योंकि नए नए उपायों से ऊर्जा संरक्षण के मामले में और भी सुविधाएं प्राप्त हो सकती हैं। हालांकि आज दुनियाभर के वैज्ञानिक ऊर्जा संरक्षण के नए उपायों की खोज में लगे हुए हैं लेकिन हमारी भी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम ऊर्जा संरक्षण के नए उपायों की खोज करें और मौजूद उपायों को अपनाएं।

भारत सरकार ने भी ऊर्जा संरक्षण को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिनमें ऊर्जा संरक्षण अधिनियम और राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस दो महत्वपूर्ण कदम है।

ऊर्जा संरक्षण अधिनियम को साल 2001 में भारतीय ऊर्जा दक्षता चोरों ने स्थापित किया था जबकि हर साल 14 दिसंबर का दिन भारत में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार के इन दोनों कदमों को उठाने के पीछे का सबसे प्रमुख उद्देश्य है ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देना और ऊर्जा संरक्षण के प्रति लोगों को जागरुक करना।

हमें भी अपने स्तर से अपने राष्ट्रहित में योगदान देना चाहिए जिसके लिए ऊर्जा संरक्षण के उपायों को अपनाना चाहिए और लोगों को इसके बारे में जागरूक करना चाहिए।

धन्यवाद!

आज इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको ऊर्जा संरक्षण पर निबंध Essay On Energy Conservation In Hindi तथा ऊर्जा संरक्षण पर भाषण Speech On Energy Conservation In Hindi के बारे में बताया इसके साथ ही हमने ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न उपायों पर भी चर्चा की।

उम्मीद करते हैं कि आप लोगों को ऊर्जा संरक्षण दिवस पर निबंध तथा भाषण Essay And Speech On Energy Conservation Day In Hindi का यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा।

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