क्यों मनाया जाता है Vijay Diwas 2023: भारत में 16 दिसंबर विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ और इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह हराया इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी सेना ने किसी देश की सेना के इतने भारी संख्या में आत्मसमर्पण किया हो। युद्ध में 93000 पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया और भारत ने इस दिन एक गौरवशाली ऐतिहासिक विजय प्राप्त की। 1971 में बांग्लादेश नाम का नया देश अस्तित्व में आया था। इस दिन को भारत में 16 दिसंबर विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस युद्ध में भारतीय सेना ने अपने शौर्य, पराक्रम और वीरता का परिचय दिया था प्रत्येक भारतीयों को इस दिन गौरव गाथा को जरूर याद रखना चाहिए। अब आपके मन में सवाल आएगा कि 1971 के युद्ध आखिर हुआ ही क्यों? आज के लेख में आपकों इस दिवस के इतिहास से जुडी प्रत्येक जानकारी देंगे।
- कब मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस आइये जानें इसका महत्व व इतिहास
विषय–सूची
विजय दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
विजय दिवस भारतीय सेना के पराक्रम और वीरता को दर्शाता है दरअसल 1971 में भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ था। इस युद्ध की शुरुआत 3 दिसंबर 1971 को 11 भारतीय वायुसेना के हवाईअड्डों पर हवाई हमले से हुआ था यह युद्ध 13 दिन तक चला जिसमें पाकिस्तान को हर मोर्चे पर मुंह की खानी पड़ी थी और भारत ने यह युद्ध 16 दिसबंर को जीत लिया था। इस युद्ध में भारत के 3900 सैनिक शहीद और 9800 सैनिक घायल हुये थे। भारतीय वीर जवानों के पराक्रम और र्शोर्य को नमन करते हुये 16 दिसंबर का दिन विजय दिवस के रुप में मनाया जाता है।
इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किया जाते हैं और साथ में भारत वीर सपूतो को अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। वर्ष 2022 में भारत के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) का उद्घाटन किया गया था। जहां देश के 25,942 सैनिकों का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया गया है। यहां पर 1947-48, 1961, 1971 युद्ध में वीर शहीद सपूतों के नाम अंकित किये गये हैं। देश की रक्षा के लिये विभिन्न युद्धों व आतंकवाद विरोधी ताकतों से लड़ने के लिये हमारे जवान हमेशा तत्पर रहते हैं। विजय दिवस के अवसर पर भारत का प्रत्येक नागरिक गौरान्वित होता है।
1971 के युद्ध का इतिहास क्या है? इसकी शुरुआत कैसे हुई। (Fact about Vijay Diwas history in hindi)
विजय दिवस 16 दिसंबर को भारत में मनाया जाता है इस दिन भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया था 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध हुआ था इस युद्ध में भारतीय सेना ने अपने पिता का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था 16 दिसंबर 1971 को 93000 पाकिस्तानी सेनाओं ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया उसके बाद युद्ध विराम के डॉक्यूमेंट पर सिग्नेचर किए गए जिसके बाद बांग्लादेश नाम का नया देश विश्व के नक्शे पर उदय हुआ।
1970 में पाकिस्तान के दो हिस्से थे पूर्वी व पश्चिम पाकिस्तान, 1970 के आम चुनावों में पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजिबुर रहमान को भारी बहुमत हासिल हुआ और उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया। उस समय पाकिस्तान पीपुल्स की नेता जुल्फिकार भुट्टो ने इस बात का विरोध किया और उन्होंने सेना का इस्तेमाल कर शेख मुजीबुर रहमान को हिरासत में ले लिया गया। जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान में सेना ने काफी अत्याचार किया जिससे जिससे वहां की स्थिति दयनिय हो गई पाकिस्तानी सैनिकों का अत्याचार हद से ज्यादा हो गया और लोग वहां से भागने लगे।
सेना के अत्याचार से त्रस्त 10 लाख लोग ने भारत में शरण लेने के लिये भारतीय सीमा में घुसने लगे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूर्वी पाकिस्तान के लोगों की मदद के लिये सैना को तैयार रहने को कहा। जिससे नाराज होकर पाकिस्तान ने भारत के कई सैनिक अड्डों पर हमला कर शुरु कर दिया इसके पश्चात प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देर न लगाते हुये युद्ध की घोषणा कर दी, और पाकिस्तान को उसी की भाषा में मुहंतोड़ जवाब दिया, यहीं से 1971 युद्ध की शुरुआत हुई।
भारत में विजय दिवस कैसे मनाया जाता है?
विजय दिवस भारत में जोश व उत्साह के साथ मनाया जाता है इस दिन भारत के इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति स्मारक, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर भारत के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है इसके अलावा इस दिन भारतीय सैन्य अधिकारियों के द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जिसमें देश के प्रधानमंत्री रक्षा मंत्री सम्मिलित होते हैं जिसमें भारत के वीर सैनिकों ने अपने शोर्य एवं वीरता के साथ युद्ध लड़ा और पाकिस्तान को बुरी तरह हराया था उसके बारे में देश के नागरिकों को बताया जाता है ताकि हमारे आने वाली पीढ़ी को भी मालूम चल सकें कि 1971 के युद्ध में भारत के वीर जवानों ने कैसे अपने देश को इतिहास की सबसे बड़ी विजय दिलवाई जिसमें 93,000 सैनिकों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया था।
विजय दिवस 16 दिसंबर से जुड़ी कुछ ख़ास बातें (Fact about Vijay Diwas in hindi)
- 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश को आजादी दिलाने के लिए छिड़े इस युद्ध की समाप्ति हुई थी और पाकिस्तानी सेना के सामने भारत की विजय हुई।
- इस युद्ध की लड़ाई के लिए बांग्लादेश को मुक्त कराने के लिए बांग्लादेश मुक्तिवाहिनी सैन्य संगठन की स्थापना हुई। भारत ने भी सैन्य प्रशिक्षण के माध्यम से उनकी मदद की थी।
- साल 1952 में पाकिस्तान सरकार ने उर्दू को अपने देश की आधिकारिक भाषा के तौर पर ऐलान कर दिया। तभी से बांग्ला नेताओं ने अपनी भाषा और संस्कृति की सुरक्षा के लिए नए राष्ट्र की परिकल्पना शुरु कर दी।
- 3 Dec को पाकिस्तान के हवाई आक्रमण के बाद 4 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ट्राईटेंड की शुरुआत हुई जिसके जरिए बंगाल की खाड़ी में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान की नौसेना को टक्कर देना शुरू किया।
- यह युद्ध 13 दिनों तक चला था जिसकी शुरूआत 3 दिसंबर 1971 को हुई थी और अंत में 16 दिसंबर को पाकिस्तान ने आत्म समर्पण कर दिया।
- इस जंग में पाकिस्तान के 9000 सैनिक मारे गए थे। जबकि भारत और बांग्लादेश मुक्तिवाहिनी के 3843 सैनिक शहीद हुए थे।
- इस युद्ध में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी देश के साथ युद्ध में 93000 के करीब सैनिकों ने आत्म समर्पण किया था।
FAQ
विजय दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
यह दिवस 16 दिसंबर के दिन 1971 में हुये भारत-पाक युद्ध में भारत ने ऐतिहासिक विजय प्राप्त की थी। भारतीय सेना के पराक्रमी शूरवीरों की वीरता के सम्मान में यह दिवस मनाया जाता है।
1971 का युद्ध के पश्चात किस नए देश का जन्म हुआ था?
बाग्लादेश का जन्म हुआ था जिसे पहले पूर्वी पाकिस्तान के नाम जाना जाता था।
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