राष्ट्रीय गणित दिवस पर निबंध व भाषण (मैथमेटिक्स डे पर निबंध कैसे लिखे) गणित दिवस कब है और गणित दिवस क्यों मनाया जाता है गणित दिवस, रामानुजन पर निबंध हिंदी में (Speech and Essay on National Mathematics Day in Hindi, Essay on srinivasa ramanujan hindi)
22 दिसंबर को हर साल भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) मनाया जाता है। 22 दिसंबर के दिन ही भारत के महान आधुनिक गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन पैदा हुए थे जिन्हें आधुनिक काल के महानतम गणितज्ञों में गिना जाता है।
यही कारण है कि National Mathematics Day के अवसर पर 22 दिसंबर को भारत में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और शिक्षा से जुड़े हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इन कार्यक्रमों के जरिए भारत वासियों को भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन और गणित में उनके योगदानों के बारे में बताया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
वैसे तो भारत में कई महान गणितज्ञ पैदा हुए हैं लेकिन श्रीनिवास रामानुजन को आर्यभट्ट के बाद भारत का सबसे महान गणितज्ञ माना जाता है जिन्होंने बिना किसी विशेष डिग्री के खुद से ही गणित का अध्ययन किया और 12वीं फेल होने के बावजूद भी गणित का जादूगर बन गए।
तो चलिए आज आपको इस आर्टिकल के जरिए राष्ट्रीय गणित दिवस के इतिहास (Hindi Essay on National Mathematics Day in Hindi) के बारे में बताते हैं।
विषय–सूची
राष्ट्रीय गणित दिवस पर निबंध एवं भाषण (Speech & Essay on National Mathematics Day in hindi)
राष्ट्रीय गणित दिवस भारत के द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दिवस है इस दिवस के माध्यम से हम महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर को हम लोग श्रद्धांजलि अर्पित कर उनको सम्मान देने का काम करते हैंI
गणित के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है उनके द्वारा गणित के क्षेत्र में बनाए गए अनंत श्रृंखला, संख्या सिद्धांत, गणितीय विश्लेषण इत्यादि का अध्ययन मैथमेटिक्स की पढ़ाई करने वाले प्रत्येक छात्र को करना पड़ता हैI क्योंकि इसके माध्यम से ही आप मैथमेटिक्स का कोर्स पूरा कर पाएंगे यही वजह है कि 2012 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनकी 125वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में गणित दिवस मनाने की घोषणा की कि भारत में आपसे 22 दिसंबर राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाएगा और तब से ही राष्ट्रीय गणित दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई जो आज तक कायम है आने वाले भविष्य में भी कायम रहेगीI
राष्ट्रीय गणित दिवस का संक्षिप्त विवरण (Essay on National Mathematics Day in hindi)
राष्ट्रीय गणित दिवस क्यों मनाया जाता है? | गणित के क्षेत्र में युवाओं की रुचि को जागृत व प्रोत्साहित करने के लिये। |
राष्ट्रीय गणित दिवस कब मनाया जाता है? | 22 दिसंबर |
राष्ट्रीय गणित दिवस की शुरुआत किसके द्वारा की गई | डॉ. मनमोहन सिंह |
पहली बार कब शुरु हुआ? | 22 दिसंबर 2012 |
गणित दिवस कहां मनाया जाता है। | पूरे भारत में |
राष्ट्रीय गणित दिवस कब और क्यों मनाया जाता हैं (National Mathematics Day Kab Manaya Jata Hai)
राष्ट्रीय गणित दिवस 22 दिसंबर 2022 को भारत में उत्साह पूर्वक मनाया जाएगा इस दिन भारत के स्कूल और कॉलेजों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें छात्रों को महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन जीवन के बारे में व्यापक जानकारी दी जाएगी उन्होंने गणित के क्षेत्र में क्या-क्या चीजें अविष्कार किया थाI
छात्र उनके जीवन से प्रेरणा लेकर गणित के क्षेत्र में अपना करियर बना कर देश के विकास में अपनी भागीदारी को ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निर्वाह कर सकें गणित के क्षेत्र में श्रीनिवासन अयंगर राम अर्जुन का योगदान रहा उन्होंने गणित के ऐसे-ऐसे फामूर्लो की खोज की जिनका प्रयोग आज के आधुनिक युग में जटिल से जटिल गणनाओं की पहेली सुलझाने में किया जा रहा है।
राष्ट्रीय गणित दिवस के उद्देश्य (National Mathematics Day Aim)
राष्ट्रीय गणित दिवस का प्रमुख उद्देश्य लोगों के मन में मैथमेटिक्स के डर को दूर करना है जैसा कि आप लोग जानते हैं कि मैथमेटिक्स से कई लोग घबराते हैं क्योंकि मैथमेटिक्स में ऐसे नियम और सिद्धांत होते हैं जिसे समझ पाना सभी व्यक्ति के लिए संभव नहीं है राष्ट्रीय गणित दिवस के माध्यम से लोगों को मैथ के क्षेत्र में रुचि हो सके उसके लिए प्रोत्साहित करना राष्ट्रीय गणित दिवस का प्रमुख उद्देश्य है इसके अलावा मैथमेटिक्स का हमारे जीवन के साथ गहरा संबंध है क्योंकि दैनिक दिनचर्या में हम सभी लोग मैथमेटिक्स का इस्तेमाल करते हैं तभी जाकर हमारा जीवन सुचारू रूप से संचालित होता हैI
गणित दिवस के अवसर पर निबंध एवं रामानुजन जीवन से जुड़ी खास व रोचक बातें (Facts about Srinivasa Ramanujan in hindi)
- रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 के दिन 400 किलोमीटर दूर ईरोड नगर, मद्रास में हुआ था।
- वह छोटी सी उम्र से ही अपने साथी दोस्तों को गणित की शिक्षा देते थे। उन्होंने सातवी कक्षा में ही बीए के छात्रों को गणित पढ़ाते थे।
- वह दिन रात गणित के फामूलों बनाने में लगा देते थे।
- उन्होंने अपने छोटे से जीवनकाल में गणित के 3000 से भी अधिक प्रेमेंयों का संकलन किया
- रामानुजन ट्रिनीटी कॉलेज के फिलास्फर बनने वाले पहले भारतीय व्यक्ति थे।
- 1913 में उन्होंने अपने सारे गणित के फामूर्लो को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और गणिज्ञ जी.एच. हार्डी को भेज दिये।
- उनकी चिट्ठी में ऐसे-ऐसे फामूर्ले लिखे हुये थे जिसे देखकर हार्डीं दंग रह गये थे।
- 1918 में रामानुजन को कैम्ब्रिज फिलॉस्फिीकल सोसाइटी, रॉयल सोसाइटी तथा ट्रिनीटी कॉलेज का फेलो व सदस्य चुना गया। यह सम्मान पाने वाले वह पहले गणिज्ञ थे।
- उन्होंने 1919 में मॉक थिटा की खोज उनके द्वारा की गई थी जिसका इस्तेमाल ब्लैक हॉल की पहली सुलझाई गई थी।
- रामानुजन ने अनंत की श्रृंखला दिखाने के लिये 17 अलग-अलग फार्मूले लिखे थे।
- रामानुजन की मृत्यु सन को टीवी के कारण हुई थी लेकिन जब उनकी तबीतयन ठीक नहीं थी तब भी वह पेट के बल गणित के फार्मूलों को लिखा करते थे।
- उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले तीन नोटबुक में लिखे गणित के हजारों फार्मूले जो कि ट्रिनीटी कॉलेज के ग्रंथालय में पहुंच गई।
इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरिकल फिजिक्स द्वारा 2005 में रामानुजन पुरस्कार देने की शुरूआत की गई। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को विभिन्न देशों के प्रतिभाशाली 45 वर्ष से कम आयु के युवाओं को गणित के क्षेत्र में कार्य करने वालों दिया जाता है।
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राष्ट्रीय गणित दिवस पर भाषण (Speech & Essay on National Mathematics Day in Hindi)
मेरे प्यारे सहपाठियों और माननीय शिक्षक और प्रधानाचार्य आप सभी को राष्ट्रीय गणित दिवस की हार्दिक शुभकामनाए।
मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप लोगों ने श्रीनिवासन अयंगर रामानुजन जैसे महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति के जीवन के ऊपर अपना भाषण प्रस्तुत करने का अवसर दिया जैसा कि आप लोग जानते हैं।
आपको बता दूं कि भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस श्रीनिवास रामानुजन जैसे महान गणितज्ञ के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है। गणित के क्षेत्र में उनका योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने अपने जीवन में गणित का प्रचार प्रसार पूरी दुनियां में किया और 3000 से अधिक गणितीय प्रेमियों का संकलन भी किया।
उनका जन्म 22 दिसंबर 1887 को मद्रास से 400 किलोमीटर दूर ईरोड नगर में हुआ था। उन्हें बचपन से ही गणित विषय में काफी रुचि थी यही कारण था कि वह पढ़ने के लिए गणित को ज्यादा समय देते थे जबकि दूसरे विषयों पर ध्यान नहीं देते।
इसी के चलते उन्हें 11वीं और 12वीं में फेल भी होना पड़ा था लेकिन उन्होंने अपनी गाड़ी साधना जारी रखी और पूरी दुनिया को दिखा दिया कि अगर इंसान ठान ले तो खुद से कुछ भी सीख सकता है।
श्रीनिवास रामानुजन न केवल भारत के महान गणितज्ञ हैं बल्कि उन्हें दुनिया में आज भी आधुनिक काल के महानतम गणितज्ञ में गिना जाता है। महज 32 साल के छोटे से जीवन में उन्होंने गणित के 3000 से भी अधिक प्रेमेंयों का संकलन किया और गणित पर विश्लेषण के माध्यम से कई सारे सिद्धांत प्रतिपादित किए जिन्हें आज दुनिया भर की स्कूल और यूनिवर्सिटीज में पढ़ाया जाता है।
उनके द्वारा प्रतिपादित गणित सिद्धांत व फार्मूलों का इस्तेमाल ब्लैक हॉल को समझने में किया जाता है। उनके फार्मूलो को शोधकर्ताओं एवं गणिज्ञाें भी नहीं समझ नहीं पाते थे। वह जटिल से जटिल गणित के समीकरणों को चुटकियों में सुलझा लेते थे उनके लिये गणित के फार्मूले बनाना उनकी दिनचर्या का महत्वपूर्ण अंग थे।
श्रीनिवास रामानुजन के इन्हीं योगदान ओं को देखते हुए उनके सम्मान में प्रतिवर्ष 22 दिसंबर को उनका जन्मदिन राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है बाकी लोग श्रीनिवास रामानुजन के जीवन और गणित में उनके योगदानों के बारे में जान सके और उनसे प्रेरणा ले सकें।
FAQ
राष्ट्रीय गणित दिवस कब से मनाया जा रहा है ?
2012 में मनमोहन सिंह जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे उन्होंने श्रीनिवास रामानुजन के 125 वर्षगांठ पर इस बात की घोषणा की गई कि आप से भारत में 22 दिसंबर राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाएगाI
राष्ट्रीय गणित दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?
श्रीनिवास रामानुजन के याद में राष्ट्रीय गणित दिवस 22 दिसंबर को मनाया जाता हैI
प्रथम राष्ट्रीय गणित दिवस कब मनाया गया?
2012 में तत्कालिन प्रधानमंत्री एवं अर्थशास्त्री डॉ- मनमोहन सिंह जी द्वारा सन 2012 में म मनाने की शुरुआत की गई।
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