आशा पारेख का जीवन परिचय, आशा पारेख कौन है? पति, शादी, उम्र, अवार्ड प्रसिद्ध फिल्में, एचिवमेंट्स (Asha Parekh Biography in Hindi, Awards and Achievements, life story, Affairs, Asha Parekh latest News biography)
आशा पारेख भारतीय सिनेमा जगत की मशहूर अभिनेत्री हैं। आशा पारेख का नाम 60 के दशक की मशहूर अभिनेत्रियों में गिना जाता है या फिर यूं कह लीजिए कि वह दौर ही आशा पारेख का था।
आशा पारेख ने अपने फिल्मी करियर में बॉलीवुड की टॉप फिल्मों में अभिनेत्री के तौर पर काम किया है। साल 1959 से लेकर 1973 तक आशा पारेख का चेहरा बॉलीवुड की तमाम ब्लॉकबस्टर फिल्मों में नजर आया। आशा पारेख ने अपना फिल्मी करियर महज 17 साल की उम्र में शुरू किया था पहली बार जब वह पहली बार शम्मी कपूर के साथ फिल्म दिल दे के देखो मेंनजर आईं।
सिनेमा जगत में बेहतरीन अभिनय के लिए उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं अब आशा पारेख को सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया जाएगा।
विषय–सूची
आशा पारेख दादा साहेब फाल्के पुरस्कार पाने वाली 7वीं महिला होंगी–
27 सितंबर को ए एन आई ने एक ट्वीट के जरिए बताया कि इसी साल 2022 में आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। 68 वें नेशनल फिल्म अवार्ड के दौरान 79 साल की उम्र में उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
22 साल बाद किसी महिला को दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने जा रहा है। आखरी बार साल 2000 में मशहूर गायिका आशा भोंसले को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जो इस सम्मान को पाने वाली 6वीं महिला थी।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार फिल्म इंडस्ट्री का सर्वोच्च पुरस्कार है और हर एक्टर और एक्ट्रेस की ख्वाहिश होती है कि वह अपनी जिंदगी में या पुरस्कार हासिल करें।
30 सितंबर 2022 को आशा पारेख को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। फिल्म इंडस्ट्री में यह पुरस्कार पाने वाली आशा पारेख सातवी महिला होंगी। इसके पहले आशा भोसले, लता मंगेशकर, देविका रानी, दुर्गा खोटे, रूबी मेयर, और कानन देवी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
आज हम भारतीय सिनेमा जगत की इस बेहतरीन अभिनेत्री आशा पारेख की जीवनी (Asha Parekh Biography in Hindi) और उनके जीवन से जुड़ी हुई कुछ खास बातें जानते हैं।
आशा पारेख का जन्म और शुरूआती जीवन | Asha Parekh Biography in Hindi
आशा पारेख का 2 अक्टूबर 1942 को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पैदा हुई थी। साठ के दशक में उन्होंने भारतीय सिनेमा की कई ब्लॉकबस्टर फिल्में की जिनमें चिराग, कटी पतंग और मैं तुलसी तेरे आंगन की काफी चर्चित और सुपरहिट रही।
आशा पारेख अपने दौर की सबसे खूबसूरत और बेहतरीन अभिनेत्री थी। फिल्म में उनका अभिनय हमेशा सर्वश्रेष्ठ रहता था यही कारण था कि वह उस दौर में बॉलीवुड की सबसे महंगी हीरोइन भी थी।
अपने दौर की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख को बेहतरीन अभिनय के कारण जुबली गर्ल के नाम से भी जाना जाता है। आशा पारेख गुजरात के एक मध्यमवर्गीय जैन परिवार में पैदा हुई थी जो अपनी आजीविका चलाने के लिए महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में रहते थे।
बचपन में आशा पारेख ने अपनी आने वाली जिंदगी को लेकर कई सारे सपने देखे। कभी वह डॉक्टर बनना चाहती थी तो कभी इंजीनियर। लेकिन कहते हैं कि इंसान का भविष्य वही जाता है जहां उसकी किस्मत चाहती है।
आशा पारेख बचपन में संगीत और नृत्य से काफी जुड़ी हुई थी जिसमें उनकी विशेष रूचि थी। इन्हीं रुचियों को देखते हुए आशा पारेख की मां ने फैसला लिया कि वह उनके इस प्रतिभा को और निखारेंगी।
आशा पारेख की मां ने नृत्य यानी कि डांस सीखने के लिए डांस इंस्टिट्यूट भेजने लगी। शुरुआती दौर में आशा पारेख ने विभिन्न डांस इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया और धीरे धीरे शास्त्रीय संगीत और नृत्य में माहिर हो गई।
इसी दौरान आशा पारेख जी पंडित बंसीलाल शास्त्री के संपर्क में भी आई जो उस दौर के मशहूर शास्त्रीय नृत्य शिक्षक थे। पंडित बंसीलाल के संपर्क में आने के बाद आशा पारेख शास्त्रीय नृत्य में पारंगत हो गई और देश विदेश में डांस शो भी करने लगीं।
आगे चलकर इन्होंने नृत्य सिखाने के लिए एक संस्था खोली जिसका नाम कारा भवन है। यह संस्था आज भी उतनी ही सक्रिय है जिसके माध्यम से आशा पारेख नृत्य सिखाया करती हैं।
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आशा पारेख का जीवन परिचय (Asha Parekh Biography in Hindi)
पूरा नाम (Real Name) | आशा पारेख |
प्रसिद्ध नाम (निक नेम) | आशा, जुबली गर्ल |
पद, प्रसिद्धि | प्रसिद्ध अभिनेत्री, फिल्म सेंसर बोर्ड की अध्यक्षा पद्मश्री पुरुस्कार से सम्मानित |
जन्म (Date of Birth) | 2 अक्टूबर 1942 |
जन्म स्थान (Place of Birth) | मुंबई, महाराष्ट्र (भारत) |
आयु(Age) | 79 (साल 2022 में ) |
नागरिकता | भारतीय |
पेशा | अभिनेत्री, निर्माता, नर्तकी |
धर्म | जैन |
जाति | बनिया |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित (शादी नहीं की) |
भाषाओं का ज्ञान | हिंदी, इंग्लिश एवं गुजराती |
आशा पारेख का व्यक्तिगत जीवन–
आशा पारेख अपने करियर में बेहद जिंदादिल और सक्रिय अभिनेत्री थी। आज भी उतनी ही सक्रियता के साथ वह डांस एकेडमी चलाती हैं। इन सबके अलावा समाज कल्याण में भी आशा पारेख पीछे नहीं हैं। आशा पारेख एक अभिनेत्री नृत्यांगना होने के साथ-साथ सामाजिक कार्यकारिणी भी हैं। उनकी सामाजिक कल्याण की भावना और सामाजिक कार्यों को देखते हुए मुंबई में एक अस्पताल का नाम उनके नाम पर रखा गया है। इस अस्पताल का नाम आशा पारेख हॉस्पिटल है।
आशा पारेख ने कभी शादी नहीं की हालांकि उस दौर के फिल्म निर्देशक नासिर हुसैन के साथ उनके अच्छे संबंध थे। माता पिता की मौत के बाद आशा पारेख बिल्कुल अकेली पड़ गई थी जिसके बाद वह मानसिक रूप से बहुत परेशान रहने लगी।
लेकिन इस परेशानी के दौरान नासिर हुसैन ने एक अच्छा दोस्त बन कर उनका साथ निभाया और उन्हें बड़े मुकाम तक जाने में उनकी मदद की। नासिर हुसैन ने अपनी फ्रेंडशिप फिलासफी और गाइडेंस के जरिए धीरे-धीरे करके आशा पारेख को मानसिक तनाव से उभार दिया। कुछ देर बाद में आशा पारेख और नासिर हुसैन रिलेशनशिप में भी आ गए थे लेकिन नासिर हुसैन का विवाह हो चुका था जिस कारण आशा पारेख ने उनसे शादी की बात नहीं की क्योंकि वह उनका घर नहीं उजाड़ना चाहती थी।
हालांकि जब नासिर हुसैन की पत्नी की मौत हो गई तो वह भी बिल्कुल अकेले पड़ गए इस दौरान आशा पारेख उनसे बातचीत करना चाहती थी लेकिन साल 2002 में नासिर हुसैन जी इस दुनिया से चल बसे।
आशा पारेख एक बच्चे को भी गोद लेना चाहती थी लेकिन मेडिकल रूप से बीमार होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें बच्चे को गोद देने से मना कर दिया।
आशा पारेख शम्मी कपूर को अपना फेवरेट एक्टर मानती थी जिनके साथ उन्होंने निर्देशक नासिर हुसैन के डायरेक्शन में अपनी पहली हिट फिल्म की थी। वह शम्मी कपूर को चाचा और उनकी पत्नी को चाची कह कर बुलाती थी जिनके साथ उनका रिश्ता बेहद खास था।
आशा पारेख का करियर और फिल्मी सफर (Asha Parekh films Career)
आशा पारेख बचपन से ही अभिनय में बहुत प्रतिभाशाली कलाकार थी उनकी मां को पता था कि उनकी बेटी में एक अभिनेत्री बनने के सारे गुण हैं जिसके कारण उनकी मां शुरू से ही उन्हें एक एक्ट्रेस बनने के लिए सपोर्ट करती थी।
- महज 16 साल की उम्र से ही अभिनेत्री के तौर पर आशा पारेख ने फिल्मी दुनिया में अभिनय करना शुरू कर दिया था।
- साल 1952 में महज 10 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार बाल कलाकार के रूप में फिल्म आसमान से अपने अभिनय की शुरुआत की।
- आशा पारेख आए दिनों स्टेज डांस शो करती रहती थी इसी दौरान उनकी मुलाकात उस दौर के बॉलीवुड फिल्म निर्देशक विमल राय से हुई।
- आशा पारेख की नृत्य कला को देखकर विमल राय बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने आशा पारेख से फिल्म में काम करने के लिए पूछा। तभी से आशा पारेख के फिल्मी करियर की शुरुआत हुई।
- 1954 में विमल राय की फिल्म बाप बेटी में आशा पारेख नज़र आईं लेकिन बचपन के दौरान ही हैं फिल्म जगत में केवल निराशा हाथ लगी जिसके बाद कुछ समय के लिए इन्होंने फिल्मी दुनिया से अपना दिमाग हटा लिया और पढ़ाई लिखाई करने लगी।
- लेकिन 16 साल की उम्र में एक बार फिर से आशा पारेख ने सिनेमा की दुनिया में अपने लिए किरदार ढूंढना शुरू किया। इस दौरान उनकी मुलाकात गूंज उठी शहनाई फिल्म के निर्देशक विजय भट्ट से हुई। आशा पारेख ने इस फिल्म के लिए ऑडिशन भी दिया लेकिन बाद में विजय भट्ट ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा कर रिजेक्ट कर दिया। लेकिन फिर भी आशा पारेख ने हार नहीं मानी और कोशिश करती रही।
- इनके सफल करियर की शुरुआत 1959 की फिल्म दिल दे के देखो से हुई जिसमें यह शम्मी कपूर के साथ अभिनेत्री के तौर पर नजर आईं। यह उनकी पहली हिट फिल्म थी जो बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल हुई।
- इस फिल्म के निर्माता सुबोध मुखर्जी और निर्देशक नासिर हुसैन थे। नासिर हुसैन की बदौलत थी आशा पारेख को इस फिल्म में काम करने का मौका मिला। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की और रातों-रात आशा पारेख को सुपरस्टार बना दिया।
- इसके बाद भी आशा पारेख ने डायरेक्टर नासिर हुसैन के साथ हिट फिल्में की जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की। इस दौरान आशा पारेख नासिर हुसैन के काफी करीब आ गई और उनका रिश्ता दोस्ती से भी आगे बढ़ गया। हालांकि आशा पारेख ने कभी भी नासिर हुसैन से विवाह का प्रस्ताव नहीं रखा क्योंकि वह जानती थी कि नासिर हुसैन विवाहित हैं।
- अपने फिल्मी करियर के दौरान आशा पारेख ने कुल 90 फिल्मों में काम किया और इसमें से ज्यादातर फिल्में काफी हिट रही। – ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘घराना’, 1961 की ‘छाया’ ‘मेरी सूरत तेरी आँखे’, और ‘भरोसा’, जैसी फिल्मों में आशा पारेख नजर आई।
- इसके अलावा 1963 में आई फिल्म ‘बिन बादल बरसात’ ‘बहारों के सपने’, और 1967 की फिल्म ‘उपकार’ में नज़र आई थी।
- साल 1959 में उन्होंने आया सावन झूम के नाम की फिल्म में काम किया जो काफी लेट रही इसके अलावा उन्होंने चिराग और मै तुलसी तेरे आंगन की आदि फिल्मों में भी काम किया। 1978 की फिल्म मैं तुलसी तेरे आंगन की में इनका अभिनय बेहद शानदार रहा।
- साठ के दशक में आशा पारेख ने सिनेमा जगत में फिल्मों की झड़ी लगा दी और यह तो और उन्हीं का माना जाने लगा।
- आगे चलकर साल 1994 में इन्हें भारतीय सिनेमा सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। यह पहली बार था जब किसी महिला को भारतीय सिनेमा सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था।
आशा पारेख की उपलब्धियां और सम्मान (Awards and Achievements)
सिनेमा की दुनिया में बेहतरीन अभिनय के लिए आशा पारेख को बहुत सारे सम्मान मिले हैं इसके साथ ही उन्होंने नृत्य कला और अभिनय में कई उपलब्धियां भी प्राप्त की हैं।
- साल 1992 में आशा पारेख को फिल्मों में बेहतरीन अभिनय के लिए पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 2002 भी इनके लिए काफी यादगार रहा क्योंकि इस साल इन्हे लाइफटाइम अचीवमेंट का अवार्ड मिला था।
- साल 1971 में इन्हें फिल्म कटी पतंग में शानदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के तौर पर फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- आगे चलकर इन्हें फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा लिविंग लीजेंड अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
- इसके अलावा फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इन्हें गोल्डन जुबली अवार्ड से भी सम्मानित किया। इतना ही नहीं हिंदुस्तान टाइम्स ने इन्हें स्टाइलिश आइकॉन का अवार्ड भी दिया था।
- साल 2017 में खालिद मोहम्मद द्वारा आशा पारेख की बायोग्राफी लिखने की बात भी सामने आई जिसका शीर्षक द हिट गर्ल है।
- आशा पारेख साल 1994 से लेकर 2002 तक भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला थी।
FAQ
आशा पारेख कौन है?
आशा पारेख बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की अभिनेत्री जिन्होंने साठ के दशक में कई सारी हिंदी फिल्मों में काम किया जिसमें मैं तुलसी तेरे आंगन की और कटी पतंग जैसी चर्चित फिल्में शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों में भी काम किया था।
आशा पारेख के पति का नाम क्या है?
आशा पारेख ने कभी शादी नहीं की हालांकि हिंदी फिल्म डायरेक्टर नासिर हुसैन के साथ इनके अच्छे संबंध रहे हैं।
आशा पारेख को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?
आशा पारेख को पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड, लिविंग लीजेंड वार्ड और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस साल आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार क्या है?
दादा साहब फाल्के पुरस्कार फिल्म इंडस्ट्री का सर्वोच्च पुरस्कार है जो 30 सितंबर 2022 को आशा पारेख को दिया जाएगा।
आशा पारेख दादा साहब फाल्के पुरस्कार पाने वाली कौन सी महिला है?
आशा पारेख दादा साहब फाल्के पुरस्कार पाने वाले 7वीं महिला हैं। उनके अलावा लता मंगेशकर आशा भोंसले समेत कलाकारों को फिल्म इंडस्ट्री का यह सर्वोच्च अवार्ड मिल चुका है।
आशा पारेख को किस पुरस्कार से सम्मानित किया जाने वाला है?
27 सितंबर 2022 को आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार कब मिला?
30 सितंबर 2022 को आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसकी घोषणा 27 सितंबर 2022 को की गई थी।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार क्यों दिया जाता है?
फिल्म इंडस्ट्री में लाइफटाइम बेहतरीन अभिनय, गायन, निर्देशन आदि के लिए कलाकारों को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। यह फिल्म इंडस्ट्री का सर्वोच्च पुरस्कार है।
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