50वें चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ का जीवन परिचय | Chief Justice of India (CJI) DY Chandrachud Biography in Hindi

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कौन है भारत के नए चीफ जस्टिस? डी.वाई. चंद्रचूड़ का जीवन परिचय (DY Chandrachud Biography in Hindi, age, career, profession, children, education, wife, father name)

भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ यानि कि डी.वाई. चंद्रचूड़ को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुना है।

मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का अधिकार भारत के राष्ट्रपति को ही होता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने अपने नए उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की थी।

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जिसके बाद अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को भारत का नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। 9 नवंबर 2022 को जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।

8 नवंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित अपने पद से सेवानिवृत्त होंगे जिसके बाद 9 नवंबर को चीफ जस्टिस आफ इंडिया पद की कमान डी.वाई. चंद्रचूड़ संभालेंगे।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने के पूर्व धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनाए गए थे। इन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट और बांबे हाई कोर्ट में भी न्यायाधीश की भूमिका निभाई है।

तो आइए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के जीवन परिचय (CJI) Justice DY Chandrachud biography in Hindi के बारे में बताते हैं।

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विषय–सूची

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का जीवन परिचय (Chief Justice DY Chandrachud Biography in Hindi)

भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है जो 11 नवंबर 1959 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में पैदा हुए। वह महाराष्ट्र के एक ब्राम्हण परिवार में पैदा हुए थे।

इनके पिता वाई.वी. चंद्रचूड़ भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुने गए थे और अपने कार्यकाल के दौरान वह सबसे लंबे समय तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा देने वाले व्यक्ति हैं। वह 1978 से लेकर 1985 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश पद पर बने रहे।

इनकी माता का नाम प्रभा चंद्रचूड़ है जो एक शास्त्रीय संगीतकार हैं। इनके पिता को भी शास्त्रीय संगीत का पारंगत ज्ञान है और इनकी मां पहले आल इंडिया रेडियो के लिए भी गाती थी। हालांकि इनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। इस समय चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की उम्र 63 वर्ष है। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ माता पिता के इकलौते बेटे हैं।

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चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की शिक्षा (Education, Qualifications Detail)

चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को अपने जीवन की प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह नगर मुंबई से ही मिली। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लेने के लिए मुंबई के कैथेड्रल स्कूल और जॉन कानन स्कूल में दाखिला लिया।

गृह नगर मुंबई से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ दिल्ली चले गए और वहां जाकर इन्होंने अपने आगे की पढ़ाई के लिए सेंट कोलंबिया स्कूल में दाखिला ले लिया।

बाद में उन्होंने ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में दाखिला लिया और यहीं से 1979 में इकोनॉमिक्स यानि अर्थशास्त्र में बी.ए. की डिग्री हासिल की।

इकोनॉमिक्स से बी.ए. की डिग्री हासिल करने के बाद 1982 में इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एल.एल.बी. में दाखिला ले लिया और वकालत की पढ़ाई करने लगे।

लॉ में बैचलर की डिग्री हासिल करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए और 1983 में अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एल. एल. एम. यानी कि मास्टर्स आफ लॉ की डिग्री हासिल की।

चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत DY चंद्रचूड़ का परिवार (Family Details)

जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का पूरा परिवार वकालत और न्यायालय से जुड़ा हुआ है। उनके पिता भारत के 16 वे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया थे।

चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का विवाह कल्पना दास के साथ हुआ है। उनके दो बेटे भी हैं जिनका नाम चिंतन चंद्रचूड़ और अभिनव चंद्रचूड़ है। उनके दोनों बेटों ने भी वकालत की पढ़ाई की है और न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में काम करते हैं।

चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का करियर –

  • 1982 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी के दौरान उन्होंने विभिन्न अधिवक्ताओं के साथ मिलकर जूनियर अधिवक्ता के रूप में काम किया।
  • हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने अमेरिकन लॉ फर्म सुलीवन के लिए काम करना शुरू किया।
  • अमेरिका से भारत आने के बाद इन्होंने अपना अभ्यास शुरू कर दिया और बांबे हाईकोर्ट में अभ्यास के लिए जाने लगे। 1998 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में चुना।
  • 1998 से 2000 के दौरान इन्होंने अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल के रूप में भी काम किया।
  • 29 मार्च 2000 को पहली बार जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ बांबे हाईकोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त किए गए। इस पदोन्नत के बाद उन्होंने मुंबई हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में 13 साल काम किया।
  • 31 अक्टूबर 2013 को जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ इलाहाबाद हाई कोर्ट में 45 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। नियुक्ति के बाद तकरीबन 3 साल वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही बने रहे।
  • 13 मई 2016 को वह वक्त आया जब जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
  • हाल ही में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने शक्तियों का प्रयोग करते हुए धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ यानी कि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को भारत का 50 वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की घोषणा की है। 8 नवंबर 2022 को मौजूदा मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित की सेवानिवृत्ति के बाद 9 नवंबर 2022 को डी वाई चंद्रचूड़ भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे।

इन्हें भी जानें

जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ द्वारा लिए गए कुछ प्रमुख फैसले –

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ साल 2016 में भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर रहते हुए उन्होंने कई अहम मुद्दों पर फैसले लिए। तो आइए उन फैसलों में से कुछ विशेष निर्णयों की बात करते हैं जिन्हें जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने सुनाया था।

अविवाहिता के गर्भपात से जुड़ा फैसला –

जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की अगुवाई में सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस बेंच ने यह फैसला दिया था कि अविवाहित स्त्री को गरिमा और निजता के अधिकार के साथ साथ गर्भाधान और गर्भपात के पसंद और चयन का भी अधिकार है।

अविवाहिता अपने पसंद के अनुसार यह अधिकार रखती है कि उसे किसी विवाहित स्त्री की तरह संतान को जन्म देना है अथवा नहीं।

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुनाया गया फैसला–

केरल के सबरीमाला मंदिर में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के प्रवेश निषेध होने पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने इसे असंवैधानिक बताया। हालांकि इस मामले में नौ जजों की टीम ने पुनः समीक्षा भी की लेकिन फिर भी जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ महिलाओं के प्रवेश पक्ष के बहुमत में शामिल रहे।

ट्विन टावर को गिराने के फैसले में भी शामिल थे जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़–

हाल ही में अवैध रूप से निर्मित किए गए नोएडा के ट्विन टावर को गिराने का फैसला जिस न्यायाधीश की बेंच ने दिया था डी वाई चंद्रचूड़ उसके सदस्य थे।

समलैंगिकता के अधिकार से जुड़ा फैसला–

संविधान की धारा 377 के अनुसार भारत में समलैंगिकता को आपराधिक दृष्टि से देखा जाता था। जब 2018 धारा 377 पर विचार किया गया उस दौरान न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की सहमति पर समलैंगिकता के अधिकार को अपराध मुक्त माना गया।

हर व्यक्ति को अपने लैंगिक संबंधों के लिए चुनाव करने का अधिकार है। वह अपनी पसंद के हिसाब से समलैंगिक या विषमलैंगिक जीवनसाथी का चुनाव कर सकता है। इसमें अपराध की कोई बात नहीं और ना ही भी विसमलैंगिकता को जबरन किसी पर थोपा जा सकता है।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर–

उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट में न्यायाधीश रहते हुए जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर भी कई अहम फैसले लिए थे।

FAQ

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम क्या है?

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ भारत के कौन से चीफ जस्टिस हैं?

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ भारत के 50वें चीफ जस्टिस हैं।

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के पिता कौन थे?

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत चंद्रचूड़ भारत के 16वे और सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्य न्यायाधीश थे।

चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़ ने न्यायधीश रहते किन मामलों पर फैसले सुनाए?

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने न्यायधीश रहते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, समलैंगिकता का अधिकार, सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश और अविवाहित स्त्री को समय रहते गर्भपात का अधिकार जैसे मामलों पर फैसले सुनाए।

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