विश्व दूरसंचार दिवस 2023 थीम, World Telecommunication Day in hindi , विश्व दूरसंचार दिवस का इतिहास (World Telecommunication Day history facts & significance in hindi)
आज का यह निबंध विश्व दूरसंचार दिवस (World Telecommunication Day) पर दिया गया है | इस लेख के माध्यम से हम आपको विश्व दूरसंचार दिवस के बारे में जानकारी देंगे। इस लेख में आप जानेंगे की यह दिन मनाया क्यों जाता है ? यह दिन कब आता है ? विश्व दूरसंचार दिवस 2023 की थीम क्या है ? इस दिन के पीछे का इतिहास और कई ऐसे रोचक तथ्य जिनके बारे में आप आज से पहले नहीं जानते होंगे तो चलिए पढ़ते है इस लेख को |
प्रस्तावना : प्राचीन युग और इस नव युग में बहुत से अंतर है, परन्तु जिस अंतर पर आज हम बात कर रहे है वह है संचार माध्यम। पहले के समय में हमे अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और अपने करीबियों से बात करने लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती थी। उस एक फ़ोन कॉल के लिए या तो पैसे देकर बात करनी पड़ती थी जिससे हम ज़्यादा देर तक बात नहीं कर पाते थे या चिट्ठी लिखनी पड़ती थी जो ना जाने कब पहुँचती और उसके जवाब के इंतज़ार में तो काफी दिन लग जाते थे। आज के समय में यह इतना आसान हो गया है की इसे तो बच्चा-बच्चा जानता है , पैसे देकर बात तो आज भी करनी पड़ती है पर उससे हम घंटो तक बात कर सकते है और बात रही चिट्ठी की तो बस अब चिट्ठी की जगह मैसेज आ गए है। मैसेज लिखो और पलक झपकते ही वह आपके करीबी तक पहुंच जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं वीडियो कॉल्स , ई-मेल और कई अलग अलग संचार के माध्यम बन चुके है।
जिस तकनीक के ज़रिये हम लोगो के लिए यह सब इतना आसान हुआ है , उसका नाम टेलीकम्यूनिकेशन है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगो को टेलीकम्यूनिकेशन तकनीक के प्रति जागरूक करना है। इसी तकनीक के ज़रिये आज हम अपनों से बिना किसी मेहनत के बात कर पाते है। यह पहली बार 17 मई 1969 को मनाया गया था। 2005 संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसे सूचना दिवस के रूप में घोषित किया गया।
विषय–सूची
विश्व दूरसंचार दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? (Essay of World Telecommunication Day in Hindi)
विश्व दूरसंचार दिवस को मानाने का उद्देश्य लोगो के बीच टेलीकम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी के प्रति जागरूक करना है। इस तकनीक के जरिये लोग आज अपनों से जुड़े हुए हैं। यह सर्वप्रथम 17 मई 1969 को मनाया गया था। 2005 में इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा में सूचना दिवस के रूप में घोषित किया गया था।
इंटरनेट वर्त्तमान समय में दूरसंचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है , इंटरनेट के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते क्योकि अब यह हमारे जीवन का एक ज़रूरी हिस्सा बन गया है। इंटरनेट से हम सभी के जीवन में कई बदलाव आए हैं , इंटरनेट की सहायता से हमारा जीवन बहुत आसान हो गया है कुछ सेकंड्स में ही हमे सारी जानकारी मिल जाती है। इंटरनेट ना केवल सूचना के मामले में बल्कि सोशल नेटवर्किंग से लेकर शॉप – एक्सचेंज , बैंकिंग , इ- शॉपिंग आदि के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। इस दिन को केवल इसीलिए मनाया जाता है ताकि हम लोगो को टेक्नोलॉजी का महत्व समझ आ सके।
विश्व दूरसंचार दिवस थीम 2023
विश्व दूरसंचार और सूचना दिवस को मनाने विश्व दूरसंचार और सूचना दिवस 2023 की थीम “ सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सबसे कम विकसित देशो को सशक्त बनाना “ है। इस सिन कम्पनियो और लोगो से सार्वभौमिक कनेक्टिविटी और डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने का आग्रह करता है।
विश्व दूरसंचार दिवस का इतिहास
वैसे तो विश्व दूरसंचार दिवस को मानाने की प्रक्रिया 17 मई , 1865 में शुरू हुई थी , लेकिन आधुनिक काल में इसकी शुरुवात 1969 में हुई। यह दिन तभी से पूरे विश्व में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवंबर 2006 में टर्की में एक कॉन्फ्रेंस में यह निर्णेय लिया गया की विश्व दूरसंचार दिवस एवं सूचना दिवस एवं सोसाइटी दिवस इन तीनो को एक साथ मनाया जाएगा।
दूरसंचार क्रांति क्या है?
दूरसंचार क्रांति एक ऐसी क्रांति है जो गरीब देशो के विकास के लिए हुई , जिसकी सहायता से न केवल कई देश विकसित होने की दिशा में अग्रसर हुये
बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी काफी बदलाव देखने को मिले। दूरसंचार क्रांति के कारण आज हम चंद सेकडस में कॉल लगा सकते है या मैसेज कर सकते पर इस क्रांति के आने से पहले इन्ही कार्यो को करने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। दूरसंचार क्रांति के कारण आज हमारा भारत देश ऐसे देशों की गिनती में आ रहा है जहा इस क्रांति की सहायता आर्थिक तौर से मदद हुई हो।
आज हम इस दूरसंचार क्रांति के मामले में काफी आगे निकल चुके है , 2जी ,3जी , 4जी और अब तो 5G टेक्नोलॉजी पर सवार भारत आज तेज़ी से विकास कर रहा है। इस क्रांति से अन्य देशो में तो फर्क पड़ा ही है बल्कि ग्रमीण भारत में भी बहुत से अच्छे बदलाव देखने को मिले है। किसान फसलों के बारे में इंटरनेट से जानकारी ले रहे है। मेसेजिंग के जरिये हमे कितना कुछ जानने को मिला है, जो हमारे लिए काफी अच्छा साबित हो रहा है। इस क्रांति को भारत अब अगले चरण पर ले जाने की तैयारी कर रहा है।
निष्कर्ष
विश्व दूरसंचार दिवस को मानाने की शुरुवात 17 मई , 1865 को हुई लेकिन इस आधुनिक काल में इसकी शुरुवात 1969 में हुई। इस तकनीक के जरिये काफी देशो में विकास हुआ है और वे पहले से बेहतर हुए है और उनकी अर्थव्यवस्था में भी सुधार आया है। इंटरनेट एक जाल है जो राउटर से जुड़ा है और यह ही हमें दुनिया के किसी भी कोने से जोड़ता है। यह एक बहुत बड़ा नेटवर्क है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दूरदराज के इलाको में रहने वाले लोगो तक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पहुंचना है।
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FAQ
विश्व दूरसंचार दिवस सबसे पहले कब मनाया गया ?
विश्व दूरसंचार दिवस सबसे पहले 17 मई 1865 को मनाया गया।
विश्व दूरसंचार दिवस को आधुनिक काल में कब मनाया गया?
विश्व दूरसंचार दिवस को आधुनिक काल में 1969 में मनाया गया।
विश्व दूरसंचार दिवस 2023 की थीम क्या है?
विश्व दूरसंचार दिवस का दूसरा नाम क्या है?
विश्व दूरसंचार दिवस का दूसरा नाम सुचना दिवस भी है।
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