विश्व जनसंख्या दिवस पर नारें, स्लोगन, संदेश, विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण हिंदी में (Slogan, Quotes on World Population Day in hindi, Speech on World Population Day in hindi) (World Population Day Quotes In Hindi)
क्या आप विश्व जनसंख्या दिवस पर स्लोगन (World Population Day Slogan In Hindi) की तलाश कर रहे हैं ताकि विश्व जनसंख्या दिवस पर स्पीच प्रस्तुत कर सकें? तो इन बेहतरीन स्लोगन की मदद से दीजिए विश्व जनसंख्या दिवस पर शानदार भाषण।
विश्व की जनसंख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। यह बढ़ती जनसंख्या केवल भारत की समस्या नहीं है बल्कि विश्व के कई दूसरे देश भी इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। विश्व जनसंख्या में हो रही अनियमित वृद्धि के कारण ही महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी तथा पर्यावरण प्रदूषण में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
वैश्विक स्तर पर हो रही जनसंख्या वृद्धि इन सभी समस्याओं की की जड़ है शायद इसीलिए इसकी गंभीरता को देखते हुए इसे जनसंख्या विस्फोट की संज्ञा भी दी जा चुकी है। विश्व की इस बढ़ती जनसंख्या को लेकर आम लोगों को जागरूक करने के लिए ही प्रतिवर्ष 11 जुलाई का दिन विश्व जनसंख्या दिवस के रूप मनाया जाता है।
विश्व जनसंख्या दिवस के इस खास मौके पर लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दौरान शैक्षणिक संस्थाओं में विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध लेखन, भाषण तथा स्लोगन आदि की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
आज 11 जुलाई 2023 को संपूर्ण विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर अगर आप एक शानदार भाषण प्रस्तुत करना चाहते हैं तथा कोट्स के जरिए लोगों में जागरूकता संदेश फैलाना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें।
चलिए इस लेख के जरिए आपको विश्व जनसंख्या दिवस पर बेहतरीन स्लोगन के जरिए विश्व जनसंख्या दिवस पर स्पीच तैयार करवाते हैं।
विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण (Speech on World Population Day In Hindi) –
लेख का प्रकार | विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण |
कब मनाया जाता है | 11 जुलाई |
शुरुआत | 1987 |
जनसंख्या दिवस मनाने का सुझाव | Dr. KC Zachariah |
अधिकारिक घोषणा | 1990 |
साल 2023 | 36वां |
विषय 2023 | महिलाओं तथा बालिकाओं के स्वास्थ्य तथा अधिकारों सुरक्षित की रक्षा करना |
भारत की जनसंख्या (2021) | 140.76 करोड़ |
अभिवादन! नमस्कार!
आज हम सभी यहां विश्व जनसंख्या दिवस पर आयोजित इस खास कार्यक्रम में सम्मिलित हुए हैं। आपकी गरिमामय उपस्थिति में आज मैं विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा/रही हूं। आज के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुझे कुछ कहने का अवसर देने के लिए आप सभी को धन्यवाद!
जैसा कि हम सब जानते हैं बढ़ती जनसंख्या केवल हमारे भारत देश की ही समस्या नहीं है बल्कि यह संपूर्ण विश्व की समस्या है। आज दुनिया के कई देश इस गंभीर समस्या को लेकर परेशान हैं।
विश्व की बढ़ती जनसंख्या कोई मामूली या छोटी समस्या नहीं है बल्कि आज विकासशील देशों की सबसे गंभीर समस्या बन चुकी है क्योंकि यही एक समस्या विकासशील देशों में महंगाई बेरोजगारी भुखमरी आर्थिक तंगी तथा पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याओं की जड़ है।
विश्व की बढ़ती जनसंख्या से निपटने के लिए ही आज दुनिया भर में वैश्विक स्तर पर विभिन्न प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं और कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। आज का हमारा यह कार्यक्रम भी उन्हीं महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक है।
विश्व की बढ़ती जनसंख्या से पनपती गंभीर समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही संपूर्ण विश्व में 11 जुलाई का दिन विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जने का सबसे प्रमुख उद्देश्य विश्व स्तर पर जनसंख्या को लेकर लोगों की जागरूकता को बढ़ाना है।
ताकि दुनिया भर के लोग यह समझ सके कि आने वाले समय में अगर विकासशील देशों की समस्याएं यूं ही बढ़ती रही तो कैसी गंभीर परिस्थितियां सामने आ सकती हैं। मौजूदा समय में विश्व की आबादी तकरीबन 800 करोड़ हो चुकी है जो दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
विश्व की जनसंख्या बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है विकासशील देशों में अशिक्षा, गरीबी, जिसके कारण लोग परिवार नियोजन करने में असमर्थ हैं। हमारे समाज में बहु विवाह आदि जैसी कई रूढ़िवादी परंपराएं भी बढ़ती जनसंख्या के लिए जिम्मेदार हैं।
बढ़ती जनसंख्या के कारण पनपती समस्याओं के बारे में भी आप सब अवगत ही होंगे। आज हमारे जैसे विकासशील देश में महंगाई भुखमरी और बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याएं बढ़ती जनसंख्या के कारण ही पैदा हो रही हैं। बढ़ती जनसंख्या के साथ खाद्य पदार्थों की मांग इतनी ज्यादा बढ़ गई है जिसकी आपूर्ति नहीं की जा सकती।
यही कारण है कि आज विश्व के कोने में कई लोग भूखे ही सोते हैं। केवल इतना ही नहीं बढ़ती जनसंख्या के साथ सभी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना भी विकासशील देशों की अत्यंत गंभीर समस्या बन चुकी है। इस बढ़ती हुई जनसंख्या में प्रति व्यक्ति को आवास उपलब्ध कराना भी बहुत मुश्किल है हालांकि फिर भी लोग वन उन्मूलन करके पेड़ एवं प्रकृति को उजाड़ते जा रहे हैं।
जनसंख्या इतनी तेज बढ़ती जा रही है लोगों के दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करना भी संभव नहीं हो पा रहा जिसके कारण दिन-ब-दिन महंगाई दर बढ़ती जा रही है।
केवल इतना ही नहीं विश्व की बढ़ती जनसंख्या पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी उतनी ही जिम्मेदार है जितना कि महंगाई और बेरोजगारी के लिए। बढ़ती जनसंख्या के कारण ही प्रदूषक कारकों में लगातार वृद्धि होती जा रही है जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीन हाउस इफेक्ट तथा अम्लीय वर्षा जैसी पर्यावरण समस्याएं पैदा हो रही है।
इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए विश्व के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह परिवार नियोजन की विधियां अपनाएं, तथा वृक्षारोपण, परिवार नियोजन, आदि उपाय अपनाकर पर्यावरण के संतुलन में अपना योगदान दें।
केवल इतना ही नहीं हमें सांप्रदायिक कारणों से समाज में व्याप्त बहु विवाह प्रथा जैसी उन रूढ़िवादी परंपराओं से भी लड़ना होगा जो आज जनसंख्या वृद्धि की जिम्मेदार हैं। अपने परिवार को संतुलित बनाकर हमें अपनी पीढ़ी को शिक्षित बनाना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी को इस समस्या के बारे में गंभीरता से जानकारियां हो।
छोटा परिवार, संतुलित परिवार, स्वस्थ परिवार, सुखी परिवार!
अपने इन्हीं आखिरी शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं उम्मीद करता हूं कि आप जिस लक्ष्य को बनाकर हम इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए हैं वह लक्ष्य एक ना एक दिन जरूर पूरा होगा।
विश्व जनसंख्या दिवस पर स्लोगन, कोट्स, नारें (Quotes on World Population Day Slogan in Hindi)
जनसंख्या पर नियंत्रण, खुशियों को आमंत्रण!
संतुलित परिवार, स्वस्थ परिवार, सुखी परिवार!
परिवार नियोजन की विधियां अपनाइए, पारिवारिक जीवन को खुशहाल बनाइए!
दो बच्चों पर रोक लगाएं, अपना जीवन सुखी बनाइए!
मानवता की यही पुकार, छोटा और सुखी परिवार!
यह आबादी नहीं, बर्बादी है! इस पर रोक लगाइए।
परिवार नियोजन ही है, खुशहाली का आधार! इसी से होगा सुंदर भविष्य का सपना साकार!
जब होगा छोटा परिवार, तब होंगे सपने साकार!
रोज बढ़ती जा रही है महंगाई की मार, अब तो परिवार नियोजन अपना लो ना यार!
जनसंख्या बढ़ती जाएगी, तो बेरोजगारी लाएगी!
भूखमरी की जड़ है जनसंख्या की वृद्धि, इससे कभी ना होगी परिवार की समृद्धि!
बेटा हो या बेटी सब होते हैं एक समान, पढ़ा लिखा कर बड़ा करो इसमें है सबका कल्याण!
कितनी आबादी बढ़ाएंगे एक बेटे की आस में? उन्हें पालेंगे कैसे जब संसाधन ही ना होंगे पास में?
परिवार नियोजन की विधियां अपनाइए, जनसंख्या नियंत्रण में हाथ बटाइए!
विश्व जनसंख्या दिवस पर सुविचार (World Population Day Quotes In Hindi) –
चलिए विश्व जनसंख्या दिवस पर इन सुविचारों को साझा कर अपने करीबियों को विश्व जनसंख्या से उपजती समस्याओं और उनके निदान के विषय में जागरूक करें।
विश्व की बढ़ती आबादी के प्रति जागरूकता फैलाना है, आने वाली पीढ़ी के लिए एक सुंदर भविष्य बनाना है।
अपना घर बसाने के लिए पेड़ उजाड़ रहे हैं, हम जिस डाली पर बैठे हैं उसी पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं! समझदार बनिए, परिवार नियोजन के उपाय अपनाइए, जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाई है!
भूखमरी महंगाई बढ़ती जा रही है, बेरोजगारी सिर चढ़ती जा रही है! अब तो परिवार नियोजन अपनाइए, बेरोजगारी भुखमरी महंगाई से मुक्ति पाइए!
अगर ऐसे ही जनसंख्या बढ़ती जाएगी, एक दिन पूरी दुनिया में भुखमरी लाएगी! अनाज के एक-एक दाने के लिए तरस जाओगे, अगर विश्व की जनसंख्या इसी तरह बढ़ाओगे! जनसंख्या बढ़ोतरी पर रोकथाम लगाइए, परिवार नियोजन के उपाय अपनाइए!
केवल बेटे ही नहीं होते घर के चिराग, बेटियां भी बन जाएंगी उन्हें पालिए पढ़ाइए, आज ही अपनी सोच बदलिइए, और केवल दो ही बच्चों पर रोक लगाइए!
एक जिम्मेदार नागरिक होने के कारण हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम जनसंख्या नियंत्रण के सभी उपायों को समझें जाने और इससे अनजान व्यक्तियों को इन उपायों के बारे में बताएं ताकि हम सभी हाथ मिलाकर जनसंख्या विस्फोट की गंभीर समस्या से लड़ सके और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुंदर भविष्य की कल्पना कर सकें।
जहां बेरोजगारी महंगाई भुखमरी आदि जैसी समस्याएं जनसंख्या वृद्धि के कारण उत्पन्न ना हो बल्कि सभी के लिए रोजगार खाद्यान्न की आपूर्ति आवास निर्माण की व्यवस्था उपलब्ध हो। आप इन शानदार स्लोगन सुविचार के जरिए लोगों को व्हाट्सएप के जरिए जागरूकता संदेश भी भेज सकते हैं।
दोस्तों आज इस लेख के जरिए आपको हमने विश्व जनसंख्या दिवस पर स्लोगन एवं भाषण (World Population Day Slogan in Hindi) पर चर्चा की। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख बेहद पसंद आया होगा।
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