Uniform Civil Code Kya Hai Hindi Mein जानिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब! यूनिफॉर्म सिविल कोड क्यों जरुरी है? समान नागरिक संहिता क्या है? What Is Uniform Civil Code In India, समान नागरिक संहिता के फायदे और नुकसान, यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है हिंदी में? What Is Uniform Civil Code In Hindi
इन दिनों भारत सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में है। भारतीय विधि आयोग (Law Commission Of India) ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर तमाम धार्मिक संगठनों से इस मुद्दे पर उनका सुझाव मांगा है जिसके लिए 30 दिनों तक सुझाव आमंत्रण की अवधि निश्चित की गई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार द्वारा लाए गए इस यूनिफॉर्म सिविल कोड का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून की व्यवस्था करना है। यूनिफॉर्म सिविल कोड इन देश एक कानून की अवधारणा पर आधारित है।
ताकि किसी भी भारतीय नागरिक के साथ कोई पक्षपात न हो और बिना धर्म, जाति या समुदाय के आधार पर सभी के लिए निष्पक्ष कानून की सुविधा प्रदान की जा सकें।
यूनिफॉर्म सिविल कोड एक ऐसा पंथ निरपेक्ष तथा निष्पक्ष कानून है जो सभी धर्म के लोगों पर एक समान रूप से लागू होता है।
भारत में विभिन्न धर्म समुदाय के लोग रहते हैं जिनके निजी मामलों के लिए अलग अलग धर्म में पर्सनल लॉ की व्यवस्थाएं बनाई गई थी।
जैसे कि भारत में मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों के लिए अलग से पर्सनल लॉ की व्यवस्था बनाई गई है जबकि हिन्दू, सिक्ख जैन तथा बौद्ध समुदाय के लिए हिंदू सिविल लॉ समान रूप से लागू होता है।
लेकिन यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद ऐसा नहीं होगा बल्कि सभी धर्म समुदाय के लोग एक समान कानून के अनुसार चलेंगे।
तो आइए आज इस लेख के जरिए यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? ( What Is Uniform Civil Code In Hindi) तथा यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे और नुकसान पर एक विस्तृत चर्चा करते हैं। साथ ही आपको यह भी समझाते हैं कि आखिर यूनिफॉर्म सिविल कोड क्यों जरुरी है?
विषय–सूची
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब/अर्थ (Uniform Civil Code in Hindi) –
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब/अर्थ समान नागरिक संहिता होता है। वास्तव में यह एक तरह का निष्पक्ष कानून है जो सभी धर्म के लोगों पर एक समान रूप से लागू होता है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? (What Is Uniform Civil Code Kya Hai Hindi)
यूनिफॉर्म सिविल कोड अर्थात समान नागरिक संहिता एक ऐसा कानून है जो सभी धर्म संप्रदाय के लोगों पर समान रूप से लागू होता है।
या फिर यह कह लीजिए कि यूनिफॉर्म सिविल कोड एक देश एक कानून की अवधारणा पर आधारित एक कानून है।
आपको बता दें कि भारत में ईसाई, पारसी तथा मुस्लिम समुदाय के लिए अलग से पर्सनल लॉ बोर्ड की व्यवस्था बनाई गई है जो उनके निजी मामलों पर कानून बनाता है जबकि हिंदू, सिख बौद्ध तथा जैन लोगों के मामले हिंदू सिविल कानून के अंतर्गत नियमित होते हैं।
लेकिन अब भारत सरकार में एक देश एक कानून की पहल करते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का एलान कर दिया है जिस पर सभी धार्मिक संगठनों से 30 दिन के अंदर उनका सुझाव मांगा गया है।
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समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के फायदे और नुकसान –
- भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद सभी धर्म के लोगों को एक समान अधिकार मिल जाएगा तथा उनके लिए एक समान कानून और न्याय की व्यवस्थाएं लागू होंगी।
- भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद तीन तलाक जैसी धृणित समस्या से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को निदान मिल जाएगा।
- भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद व्यक्तिगत अथवा निजी कानून की आड़ में लोगों के साथ हो रहे भेदभाव काफ़ी हद तक समाप्त हो जाएंगे।
- भारत के कुछ सामुदायिक पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा उस समुदाय की महिलाओं का अधिकार संकुचित और सीमित कर दिया गया है। ऐसी में यूनिफॉर्म सिविल कोड के जरिए इन महिलाओं के अधिकार विस्तृत और एक समान हो सकेंगे।
- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अनुसार मुस्लिम समाज में बेटी की शादी की न्यूनतम उम्र 9 साल है इसलिए आज बाल विवाह मुस्लिम समाज की बहुत बड़ी समस्या है।
- ऐसे में यूनिफॉर्म सिविल कोड के जरिए मुस्लिम समाज की बेटियों को न्याय मिलेगा और उनका बाल विवाह रोका जा सकेगा।
- यूनिफॉर्म सिविल कोड केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के विभिन्न विकसित और विकासशील देशों में भी लागू है जिसका फायदा आज उनके नागरिकों को मिल रहा है। भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड की भूमिका समाज सुधार और समान न्याय के प्रावधान में बहुत महत्वपूर्ण है।
- यूनिफॉर्म सिविल कोड से फिलहाल अभी तक नागरिकों को किसी भी नुकसान की गुंजाइश नहीं है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड क्यों जरुरी है?
भारतीय संविधान के आर्टिकल 44 के भाग 4 में यूनिफॉर्म सिविल कोड अर्थात समान नागरिक संहिता का वर्णन किया गया है।
इस आर्टिकल में सभी राज्यों के सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात कही गई है हालांकि वर्तमान समय में गोवा भारत का एकलौता ऐसा राज्य है जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के अंतर्गत विरासत विवाह तलाक़ तथा उत्तराधिकार जैसे मुद्दे शामिल हैं।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद इन सभी मामलों में देश के सभी नागरिकों को एक समान अधिकार प्राप्त होंगे और उनके ऊपर एक समान कानून लागू होगा।
वर्तमान समय में पर्सनल लॉ बोर्ड के नियमों की आड़ में विभिन्न संप्रदाय की महिलाओं तथा नागरिकों के साथ पक्षपात और भेदभाव किया जा रहा है जैसे कि तीन तलाक का मुद्दा! अथवा मुस्लिम समाज की बेटी का 9 साल में बाल विवाह का मुद्दा!
इन सभी मामलों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड खुद हस्तक्षेप करता है जबकि हिंदू तथा अन्य समुदाय के लोगों के लिए हिंदू मैरिज एक्ट 1956 लागू होता है। ऐसे में मुस्लिम वर्ग की महिलाएं और बेटियां शोषण का शिकार होती हैं और उनके साथ पक्षपात होता है।
इसी शोषण और पक्षपात के कानून को हटाकर एक निष्पक्ष कानून की व्यवस्था करने के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की तैयारी की जा रही है ताकि देश के सभी धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून की व्यवस्था की जा सके तथा सभी को समान न्याय मिल सके।
तो दोस्तों आज इस लेख के जरिए आप के साथ हमने यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? Uniform Civil Code In Hindi, समान नागरिक संहिता क्यों जरूरी है? भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड (What Is Uniform Civil Code In India) आदि के बारे में चर्चा की। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा।
FAQ
यूसीसी को हिंदी में क्या कहते हैं?
समान नागरिक संहिता, यह वास्तव में सभी धर्म के लोगों पर एक समान रूप से लागू होने वाला निष्पक्ष कानून है।
भारत के संविधान के किस आर्टिकल में इसके बारे में बताया गया हैं?
आर्टिकल 44 के भाग 4 में इसका वर्णन किया गया है।
भारत के किस राज्य में यह कानून किया गया है?
गोवा
दुनियां के किन-किन देशों में यह कानून लागू है?
अमेरिका, सूडान, बांग्लादेश, तुर्की इंडोनेशिया, पाकिस्तान में यह कानून पहले से लागू हैं।