World Sparrow Day Theme 2023: विश्व गौरैया दिवस की थीम 2023, इतिहास और महत्व | World Sparrow Day History Theme in Hindi

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विश्व गौरैया दिवस कब मनाया जाता है? विश्व गौरैया दिवस 2023 थीम (World Sparrow Day History Theme in Hindi, World Sparrow Day history Facts in hindi)

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World Sparrow Day in Hindi: 20 मार्च का दिन विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व भर में गौरैया पक्षी की संकटग्रस्त प्रजाति के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है।

एक वक्त था जब आमतौर पर घर और आंगन में क्या चहकती हुई चिड़ियों में गौरैया आसानी से दिखाई पड़ जाती थी लेकिन आज ऐसा नहीं है। इसकी सबसे बड़ी वजह है गौरैया पक्षी की की संकटग्रस्त प्रजाति।

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लगातार भारत और विश्व स्तर पर गौरैया पक्षी की संख्या में कमी आ रही है। हालांकि गौरैया की घटती संख्या के पीछे कहीं ना कहीं मानवीय गतिविधियां ही जिम्मेदार हैं जिनके कारण यह प्रजाति लगातार विलुप्ति के कगार पर पहुंचती जा रही है।

ऐसे में गौरैया पक्षी का संरक्षण करने के लिए सही कदम उठाना बेहद जरूरी है। यही कारण है कि प्रति वर्ष 20 मार्च का यह दिन विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विश्व गौरैया दिवस हर बार एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। तो चलिए आज जानते हैं विश्व गैरैया दिवस की थीम, इतिहास और महत्व। (World Sparrow Day History Theme in Hindi)

World Sparrow Day History Theme in Hindi

विश्व गौरैया दिवस का संक्षिप्त विवरण (World Sparrow Day in hindi)

विश्व गौरैया दिवस क्यों मनाया जाता है?संकटग्रस्त प्रजाति गौरैया पक्षी को विलुप्त होने से बचाना
विश्व गौरैया दिवस कब मनाया जाता है?20 मार्च
दिवस को मनाने की पहल किसने कीनेचर फॉरएवर सोसायटी
पहली बार कब शुरु हुआ?20 मार्च 2010
कहां- कहां मनाया जाता है।भारत सहित पूरे विश्व में
विश्व गौरैया दिवस की थीमआई लव स्पैरो
गौरैया राजकीय पक्षी हैदिल्ली तथा बिहार

विश्व गौरैया दिवस कब मनाया जाता है? विश्व गौरैया दिवस का इतिहास (World Sparrow Day History Theme in Hindi)

विश्व भर में 20 मार्च का दिन विश्व गौरैया दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पहली बार विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत साल 2010 में हुई थी। विश्व गौरैया दिवस मनाने की पहल भारत की नेचर फॉरएवर सोसायटी नाम की संस्था द्वारा की गई थी।

नेचर फॉरएवर सोसायटी की स्थापना भारतीय जीव संरक्षणवादी मोहम्मद दिलावर द्वारा की गई थी। मोहम्मद दिलावर नासिक में गौरैया पक्षी संरक्षण के उद्देश्य से लगातार काम कर रहे थे।

विश्व गौरैया दिवस मनाने का विचार पहली बार नेचर फॉरएवर सोसाइटी को एक साधारण सी बैठक चर्चा के दौरान आया। जिसके बाद संस्था ने फ्रांस की इको-सिस एक्शन फाउंडेशन नाम की संस्था के साथ मिलकर विश्व गौरैया दिवस मनाने की पहल की।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स ने भारत और विश्व के शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के मुताबिक गौरैया पक्षी को संकटग्रस्त प्रजाति की रेड लिस्ट में शामिल कर दिया गया है।

साल 2010 में सुनियोजित पहल के साथ पहली बार विश्व गौरैया दिवस मनाया गया। साल 2008 में अमेरिकी न्यूज़ पत्रिका टाइम्स मैगजीन ने मोहम्मद दिलावर को उनके योगदान के लिए ‘हीरोज आफ दी इन्वायरमेंट’ की उपाधि दी भी प्रदान की थी।

केवल इतना ही नहीं 20 मार्च 2011 को गौरैया तथा पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान के देने वाले लोगों के लिए गौरैया पुरस्कार की शुरुआत की गई ताकि ऐसे लोगों को सम्मानित कर उनका हौसला बुलंद किया जा सके।

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विश्व गौरैया दिवस क्यों मनाया जाता है?

विश्व गौरैया दिवस मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य गौरैया पक्षी की संकटग्रस्त प्रजाति को विलुप्त होने से बचाना है।

गौरैया पक्षी आमतौर पर एक सर्वव्यापी पक्षी थी जो दुनिया भर में विभिन्न स्थानों पर पाई जाती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से लगातार परिवेश में मौजूद गौरैया पक्षी की संख्या में कमी आ रही है।

एक वक्त था जब गौरैया आमतौर पर घर आंगन में दिख जाया करती थी। यह एक ऐसी पक्षी है जो मनुष्य के इर्द-गिर्द रहना पसंद करती है। लेकिन बहुत दुख की बात है कि आज जीव की  यह खूबसूरत प्रजाति विलुप्त सी हो चुकी है।

पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, आधुनिक शहरीकरण और लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से गौरैया प्रजाति लगातार विलुप्त होने के कागार पर जा रही है।

गौरैया पक्षी की संख्या में कमी एक चेतावनी भी है कि प्रदूषण और रेडिएशन प्रकृति और मानव के ऊपर क्या प्रभाव डाल रहा है। एक ओर जहां गौरैया पक्षी की संकट ग्रस्त हुई प्रजाति चिंता का विषय बनी हुई है तो वहीं दूसरी ओर गौरैया की सुरक्षा और संरक्षण के लिए विश्व गौरैया दिवस एक बेहतरीन पहल है।

विश्व गौरैया दिवस का महत्व –

गौरैया पक्षी की संकटग्रस्त प्रजाति विलुप्ति की ओर अग्रसर है। ऐसे में विश्व गौरैया दिवस इस पक्षी के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण पहल है।

इसका प्रमुख उद्देश्य यही है कि गौरैया संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सकें और आम जन-मानस को संरक्षण उपायों के प्रति जागरूक भी किया जा सकें।

इसीलिए प्रत्येक वर्ष का एक दिन 20 मार्च विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ताकि लोगों का ध्यान गौरैया पक्षी का संरक्षण की तरफ केंद्रित हो। यह महत्वपूर्ण दिन विश्व भर में गौरैया संरक्षण को लेकर काम कर रहे लोगों के लिए एक साझा मंच भी है जहां वह अपनी बात रख सकते हैं।

साल 2012 में दिल्ली सरकार ने घरेलू गौरैया पक्षी को राज्यपक्षी घोषित कर दिया।

विश्व गौरैया दिवस 2023 की थीम–

विश्व गौरैया दिवस 2023 I Love Sparrow  की थीम के साथ मनाया जाएगा। केवल साल 2023 ही नहीं बल्कि विश्व गौरैया दिवस हर साल ‘आई लव स्पैरो’ थीम के साथ मनाया जाता है।

विलुप्ति के कारण और घरेलू गौरैया को बचाने के उपाय–

घरेलू गौरैया के लगातार लुप्त होने का प्रमुख कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और शहरीकरण है जिसके कारण उनके आवास उजड़े जा रहे हैं।

घरेलू गौरैया की प्रजातियां कम होने के पीछे का कारण मानवीय गतिविधियां ही है। लगातार बढ़ रहा प्रदूषण और रेडिएशन भी गौरैया प्रजाति की संख्या को प्रभावित कर रहा है।

घरेलू गौरैया को बचाने के लिए उपाय करना कठिन नहीं है बल्कि बेहद सरल है। हम सभी को गौरैया पक्षी के संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। अगर आप भी चाहते हैं कि गौरैया पक्षी की मधुर चहचहाहट आपके घर आंगन में गूंजती रहे तो सबसे पहले आपको उनके लिए आवास बनाने होंगे।

घरेलू गौरैया को संरक्षण देने के लिए आवास का निर्माण एक बेहतर कदम साबित हो सकता है। अगर आप चाहें तो अपने घर आंगन अथवा छत पर या बालकनी में एक बढ़िया बर्ड हाउस बना सकते हैं और साथ ही साथ वहां पर कुछ अनाज और मिट्टी के बर्तनों में पीने का पानी रख सकते हैं।

ऐसा करने से घरेलू गौरैया को आपके इर्द-गिर्द रहने के लिए एक बेहतर आवास और खाद्य सामग्रियां उपलब्ध हो पाएंगी।

तो दोस्तों आज इस लेख के जरिए हमने आपके साथ विश्व गौरैया दिवस की थीम, इतिहास और महत्व (World Sparrow Day History Theme in Hindi) पर बात की। उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख बेहद पसंद आया होगा।

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FAQ

विश्व गौरैया दिवस क्यों मनाया जाता है?

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य गौरैया पक्षी को सरंक्षण करने हेतु लोगों में जागरुकता फैलाना है।

विश्व गौरैया दिवस कब मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस “आई लव स्पैरो” थीम के साथ मनाया जाता है।

गौरैया दिवस की शुरुआत कब और किसने की?

भारत की “नेचर फॉरएवर सोसायटी” संस्थाद्वारा सन् 2010 में गौरैया दिवस मनाने की पहल की गई थी।

गौरैया दिवस 2023 की थीम क्या है?

आई लव स्पैरो (I Love Sparrow)

गौरैया पक्षी किस राज्य का राजकीय पक्षी है?

दिल्ली (2012 में घोषित) तथा बिहार (2013 में घोषित)

महत्वपूर्ण दिवस-

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