23 मार्च शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है? शहीद दिवस कब है?, 23 मार्च शहीद दिवस पर निबंध, शहीद दिवस पर शायरी एवं सुविचार (23 March Shaheed Diwas Essay in hindi, Shaheed Diwas quotes in hindi)
23 March Martyrs Day 2024: वैसे तो भारत में दो तिथियां शहीद दिवस के रुप में मनाई जाती हैं लेकिन 23 मार्च का दिन इतिहास का वह बलिदान दिवस था जब भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु को ब्रिटिश हुकूमत ने फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया।
23 मार्च को ही भारत के इन तीनों वीर सपूतों ने राष्ट्र प्रेम की मिसाल कायम करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हालांकि भारत में 23 मार्च के अलावा 30 जनवरी का दिन भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
30 जनवरी शहीद दिवस के दिन महात्मा गांधी जी की हत्या हुई थी। इसलिए यह दिन भी शाहिद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हालांकि 23 मार्च का दिन शहीद दिवस के रूप में ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि इस दिन भारत के तीन वीर सपूतों ने देश की सेवा में अपना जीवन बलिदान किया था।
23 मार्च 2024 को संपूर्ण भारत शहीद दिवस के रुप में मना रहा है। ऐसे में इस खास मौके पर आप सभी को यह ज़रूर जानना चाहिए कि 23 मार्च को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है? शहीद दिवस 2023 का इतिहास और महत्व क्या है?
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विषय–सूची
शहीद दिवस कब मनाया जाता है?
भारत में 23 मार्च और 30 जनवरी दो तिथियों को शहीद दिवस मनाया जाता है। 23 मार्च का शहीद दिवस भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। जबकि 30 जनवरी का शहीद दिवस महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर मनाया जाता है।
शहीद दिवस 2024 का संक्षिप्त विवरण (Essay on Shaheed Diwas in Hindi)
लेख का प्रकार | निबंध |
शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है? | देश के अमर शहीदों को याद किया जाता है। |
शहीद दिवस कब मनाया जाता है? | 23 मार्च और 30 जनवरी |
किसको याद किया जाता है? | भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु |
क्यों फांसी दी गई थी? | जेपी सांडर्स की हत्या का आरोप |
फांसी की तारीख | 23 मार्च 1931 |
30 जनवरी शहीद दिवस के दिन किसको याद किया जाता है? | महात्मा गांधी |
कहां-कहां मनाया जाता है? | भारत में |
23 मार्च को क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस? इसका इतिहास और महत्व
23 मार्च शहीद दिवस पर निबंध (23 March Shaheed Diwas Essay in hindi)
भारतवर्ष में हर साल 23 मार्च का दिन शहीद दिवस के रुप में मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन भारत के 3 महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव थापर और राजगुरु देश के लिए शहीद हुए थे।
इसीलिए 23 मार्च का यह दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन पर भगत सिंह, सुखदेव थापर और राजगुरु के बलिदान को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
भले ही इन तीनों भारतीय क्रांतिकारियों का रास्ता महात्मा गांधी के बताए गए रास्ते से अलग था। लेकिन भारत के इन तीनों सच्चे सपूतों ने देश की सेवा में अपने जीवन का बलिदान कर दिया था।
आज यह तीनों भारतीय क्रांतिकारी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
शहीद भगत सिंह, सुखदेव थापर और राजगुरु –
28 सितंबर 1907 को लायलपुर पंजाब में पैदा होने वाले सरदार भगत सिंह एक महान भारतीय क्रांतिकारी थे जिन्होंने लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए योजना बनाई थी।
लाला लाजपत राय साइमन कमीशन का विरोध कर रहे थे जिस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा गंभीर पिटाई के कारण वह घायल हो गए और उनकी मृत्यु हो गई।
लाला लाजपत राय जी की मौत का बदला लेने के लिए भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु ने मिलकर 19 दिसंबर 1928 को पुलिस अधिकारी जेपी सांडर्स को गोली मार कर हत्या कर दी। इस घटना को सांडर्स हत्याकांड के नाम से जाना जाता है।
भगत सिंह ने ही इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया था। 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह ने बटुकेश्वर दत्त के साथ योजना बना कर ब्रिटिश हुकूमत की केंद्रीय विधानसभा पर बम फेंक दिया।
हालांकि इस योजना के जरिए सरदार भगत सिंह का उद्देश्य किसी को भी कोई क्षति नहीं पहुंचाना नहीं था बल्कि वह ब्रिटिश हुकूमत को एक क्रांतिकारी संदेश देना चाहते थे। इस घटना के बाद भगत सिंह और उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
शहीद सुखदेव थापर भी 15 मई 1907 को लायलपुर पंजाब में पैदा हुए थे। एक ही स्थान पर पैदा होने के कारण भगत सिंह और सुखदेव दोनों के बीच गहरी दोस्ती थी। दोनों ने पंजाब में एक ही कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी की थी।
हालांकि शिवराम राजगुरु 24 अगस्त 1908 को महाराष्ट्र के पुणे जिले के खेड़ा गांव में पैदा हुए थे। शिवराम राजगुरु बाल गंगाधर तिलक जी से बहुत प्रभावित थे।
शिवराम राजगुरु शिवाजी महाराज की छापामार युद्ध शैली के बहुत बड़े प्रशंसक थे।
सांडर्स हत्याकांड में संलिप्त होने के कारण भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु तीनों पर हत्या और राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया तथा फांसी की सजा सुनाई गई। भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु को 24 मार्च 1931 को फांसी की सजा दी जाने वाली थी।
लेकिन अंग्रेजी हुकूमत ने आखिरकार निर्धारित तिथि 24 मार्च 1931 के एक दिन पहले ही 23 मार्च 1931 की शाम भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु तीनों को फांसी दे दी गई। 23 मार्च 1931 के दिन भारत के यह तीनों सपूत हमेशा के लिए भारत माता की गोद में सो गए और इतिहास गाथा में अमर हो गए।
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कैसे मनाया जाता है शहीद दिवस?
भारत में 23 मार्च को भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए और उनके बलिदानों को याद करने के लिए शहीद दिवस मनाया जाता है।
23 मार्च को शहीद दिवस के मौके पर भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु के संघर्षों और स्वतंत्रता की लड़ाई में उनके योगदान को याद किया जाता है।
इस दिन देश प्रेम के लिए उनके त्याग और बलिदान को याद करते हुए मौन धारण भी किया जाता है तथा श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
शहीद दिवस के मौके पर विद्यालय, विश्वविद्यालय एवं विभिन्न संस्थाओं में भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु की जीवनी पर नाटक, शहीद दिवस पर निबंध, राष्ट्रप्रेम पर कविता और शहीद दिवस पर भाषण प्रतियोगिता इत्यादि भी आयोजित किए जाते हैं।
23 मार्च शहीद दिवस का महत्व –
23 मार्च का शहीद दिवस भारतीय इतिहास में केवल शहीदों का बलिदान दिवस नहीं है बल्कि आज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणादायक दिन भी है कि किस प्रकार अपनी मातृभूमि की सेवा करनी चाहिए और उसकी रक्षा के लिए अपने प्राण तक समर्पित कर देनी चाहिए।
23 मार्च का शहीद दिवस भारत की युवा पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम के लिए प्रेरणा देता है और उन महान शहीदों के बलिदान स्मृतियों को जीवित रखता है।
तो दोस्तों आज इस लेख के जरिए हम ने आपको 23 मार्च शहीद दिवस के बारे में विस्तार से बताया। उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा।
FAQ
23 मार्च को कौन सा दिन मनाया जाता है?
इस दिन शहीद दिवस मनाया जाता है यह दिन शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के बलिदान व शहादद को किया जाता है, श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
शहीद दिवस 30 जनवरी व 23 मार्च शहीद दिवस में क्या अंतर हैं?
शहीद दिवस 30 जनवरी को शहीद दिवस महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर मनाया जाता है इस दिन उन्हें गोली मारकर हत्या की गई थी इसके अलावा 23 मार्च को शहीद दिवस तीन महान क्रांतिकारी नेता भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के बलिदान को याद किया जाता है।
23 मार्च शहीद दिवस किसकी याद में मनाया जता है।
23 मार्च का यह दिन भारत के 3 महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान व शहादद को याद किया जाता है।
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