अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर निबंध | International Yoga Day Essay in hindi

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023: प्राचीन संस्कृति की देन योग एक ऐसी कला है जो हमारे स्वस्थ जीवन को बनाए रखने के लिए अत्यंत जरूरी है।

योगा के उपयोग से हम अपने शरीर में होने वाले कई सारी बीमारियों पर नियंत्रण बनाए रखने के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं।

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हर वर्ष 21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और योग दिवस के दिन लोग बड़े उत्साह से योग कार्यक्रम में भाग भी लेते हैं।

योग कला का महत्व आज से नहीं बल्कि पुराने समय से ही है हमारे पूर्वज भी योग कला के द्वारा है एक स्वस्थ जीवन जिया करते थे। योग शब्द का हिंदी अर्थ ‘मिलन’ होता है। योग के महत्व को समझाने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने योग को बढ़ावा देने के लिए पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा।

योग दिवस पर निबंध | International-Yoga-Day-Essay-in-hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (International Yoga Day Essay in hindi)

प्रस्तावना –

योग शब्द एक संस्कृत शब्द है पौराणिक काल से ही योग कला हमारी भारतीय संस्कृत से जुड़ी हुई है पूर्वजों के द्वारा बताया जाता है कि भगवान शिव के द्वारा योग कला का जन्म हुआ है योग एक ऐसी प्रकार की ऊर्जा है जो योग करने वाले व्यक्ति को  पूरी उम्र बीमारियों से बचाकर रखता है।

योग करने से हमारी आत्मा, शरीर और मन का मिलन होता है हमारा शरीर स्वस्थ होने के साथ-साथ आलस्य विहींन रहता है और हमारा ह्रदय, दिमाग भी स्वस्थ रहता है। यह हमारे स्वस्थ जीवन लिए बहुत ही फायदेमंद होता है योग कला भारत के साथ-साथ विदेशों में भी काफी प्रचलित हो चुका है।

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योग दिवस की शुरुआत –

योग कला का महत्व समझाने व योग कला को बढ़ावा देने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारतीय कला को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की पहली पहल की थी। नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में योग कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग कला पर जोर देते हुए भाषण दिया था। और योग को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने का प्रस्ताव रखा।

इस प्रस्ताव के बाद कई देशों ने चीन, कनाडा, और अमेरिका ने काफी विचार करके  193 देश के सदस्यों ने सकारात्मक रूप से इस प्रस्ताव पर मंजूरी दी। और फिर 2015 में 21 जून को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को बड़े उत्साह और धूमधाम से दिल्ली के राजपथ पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें नरेंद्र मोदी सहित अन्य कई राजनेताओं ने भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर योगा करके इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाते भारतीय संस्कृति को भी देश विदेश में फैलाया।

योग करने का महत्व –

हमारे स्वस्थ जीवन के लिए योग अत्यंत आवश्यक है योग कला के द्वारा ही हमारे शरीर और आत्मा का मिलन होता हैं और साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार योग प्राणायाम द्वारा हमारे जीवन में होता है योग के द्वारा हम अपने सभी तनाव और चिंताओं से मुक्त हो सकते हैं ।

रोजाना सिर्फ 15 से 20 मिनट तक के योग से हमारे शरीर को काफी लाभ होता है। रोजाना योग करने से हृदय संबंधित समस्या कभी भी नहीं होती है और हमारा माइंड हमेशा फ्रेश रहता है हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है।

अपने स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने का एकमात्र उपाय योग कला है इस बात को समझाने और योग कला महत्व को बढ़ावा देते हुए विश्व के लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सचेत किया है देते हुए सचेत किया है । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अपने भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी मनाया जाता है। हमारे देश में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में यह दिन बड़े धूमधाम से पूरे विश्व में मनाया जाता है।

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए 21 जून ही क्यों चुना गया?

कई बिंदुओं का विश्लेषण करने के बाद प्रधानमंत्री ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सुझाव दिया। दरअसल, सबसे बड़ा दिन 21 जून को ही उत्तरी गोलार्ध में होता है और साथ ही यह एक संक्रमण प्रतीक भी दक्षिणायन का है। यह एक ऐसा समय या अवधि होता है जिसमें प्रार्थनाओं का आध्यात्मिक समर्थन करता है।

इसके अलावा भी यह माना जाता है कि भगवान शिव के द्वारा संक्रमण काल में ऋषि यों के साथ ज्ञान बांट कर उसे प्रबुद्ध किया। इसी कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सुझाव दिया।

योग करने के फायदे-

मन और शरीर को नियंत्रण रखने के लिए योग एक अद्भुत व्यायाम है योगासन करने से मनुष्य के मन में एक मानसिक शांति प्रदान होने के साथ-साथ मनुष्य के सभी तनाव दूर होकर सकारात्मक भाव प्रवाहित होने लगता है।

योग करने से मनुष्य रोग ग्रसित नहीं होता उसका मन हमेशा शांत रहता है और वह व्यक्ति एकाग्र रहता है। और साथ ही सकारात्मक भाव से उस व्यक्ति का मनो विकास भी बढ़ता है। यह हमारे शरीर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और हर बीमारी से दूर करता है।

योग करने से हमारे शरीर में आलस का भाव नहीं रह जाता और साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ जीवन के प्रति हमारा उत्साह और भी बढ़ता है। आज की बढ़ती बीमारियों से बचने के लिए योग हमारे लिए बहुत ही लाभदायक और महत्वपूर्ण है।

योग की उत्पत्ति-

दोस्तों योग दिवस के बारे में आप सभी जान ही गए हैं कि योग हमारे लिए कितना जरूरी है आइए अब हम आपको बताएंगे कि योग की उत्पत्ति कैसे हुई?

कई विद्वानों ने कई सारे योग की उत्पत्ति को लेकर अपनी-अपनी मत दिए हैं ऐसा माना जाता है कि योग की उत्पत्ति प्राचीन काल से ही  है। योग का उल्लेख ऋग्वेद मे भी किया गया है और 5000 वर्ष पहले योग कला सिंधु सरस्वती सभ्यता मे थी। भगवान शिव को ही योग गुरुओं की प्रेरणा माना जाता है।

निष्कर्ष –

दोस्तों आज हमने आपको “योग दिवस पर निबंध” (International Yoga Day Essay in hindi) की संपूर्ण जानकारी दी है उम्मीद करते हैं यह जानकारी आपको पसंद आया होगा इस निबंध से जुड़ी कोई भी सवाल आपको पूछना हो तो आप कमेंट के जरिए पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे धन्यवाद!

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