सोलर एनर्जी, सौर ऊर्जा पर निबंध, सौर ऊर्जा का महत्व (Essay on Solar Energy in hindi, Solar Energy Essay in hindi)
आज का यह निबंध सौर ऊर्जा संयंत्र पर दिया गया है। इस निबंध के माध्यम से आप बहुत ही सरल शब्दों में सौर ऊर्जा संयंत्र के बारे में जानेंगे। सौर ऊर्जा क्या होती है? सौर ऊर्जा संयंत्र के उपयोग? सौर ऊर्जा संयंत्र के लाभ और हानि? सौर आवश्यक है? सौर ऊर्जा का महत्व? आइये इन सभी के बारे में नीचे दिए निबंध से जानकारी प्राप्त करें।
प्रस्तावना: जैसा की आप सब जानते है की आने वाले समय में कोयले की कमी बहुत ज़्यादा होने वाली है और दिन पर दिन ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। भारत में 1.4 बिलियन के करीब आबादी तेज़ी से बढ़ रही है। दैनिक जीवन में ऊर्जा के प्रयोग को कम करके उसका संरक्षण करना ही ऊर्जा संरक्षण कहलाता है। पृथ्वी पर ऊर्जा के सीमित संसाधन है और इनका पुनर्निर्माण करने में काफी समय लग जाता है। भविष्य में भावी पीढ़ी को ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकें। इसके लिए ऊर्जा का संरक्षण करना अनिवार्य है।
विषय–सूची
सौर ऊर्जा पर निबंध व महत्व (Solar Energy Essay in hindi)
सौर ऊर्जा क्या है? (What is solar energy)
सौर ऊर्जा का अर्थ है वह ऊर्जा जो सूर्य के द्वारा प्राप्त होती है उसे हम लोग सौर ऊर्जा कहते है। इस प्रकार के ऊर्जा कभी समाप्त नहीं होगी क्योकि इनका स्त्रोत सूर्य है, और जब तक इस ब्रहमांड में सूर्य है ऐसी ऊर्जा हमेशा उपस्थित रहेगी और सबसे बड़ी बात है की इस ऊर्जा की लागत बहुत ही कम है और इसका इस्तेमाल करना आसान है।
सौर ऊर्जा को ग्रीन ऊर्जा भी कहा जाता है क्योकि इसके इस्तेमाल से हमारे पर्यावरण को किसी प्रकार की क्षति नहीं होती है। वही अगर अन्य ऊर्जा के श्रोत की बात करे तो उसके उपयोग से वातावरण में प्रदूषण का सामना करना पड़ता है।
सौर ऊर्जा क्यों आवश्यक है?
सौर ऊर्जा हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और तेल, कोयला और ऊर्जा के अन्य परंपरागत साधन पर्यायवरण की समस्या उत्पन्न करते है। ऊर्जा हमारे समाज के अस्तित्व एवं विकास के लिये अत्यंत आवश्यक बन चुका है ऊर्जा की पर्याप्त आपूर्ति न होने पर मानव आकांक्षाए पूरी नहीं विकसित देशो में ऊर्जा की प्रति व्यक्ति खपत 5-11 किलोवाट है, जबकि विकासशील देशो में यह केवल 1.5 किलोवाट के बीच है। यह ऊर्जा बिजली, ताप, प्रकाश, यांत्रिक ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा आदि के इस्तेमाल की जाती है।
जीवश्म ईंधन हज़ारो सालों तक पृथ्वी के नीचे दबे पेड़-पौधे के जीवश्मों के रूप में होते है, इसलिए उनका भंडार असीमित नहीं है। समय बीतने के साथ साथ दुनियां की आबादी में और वृद्धि होगी इससे लोगो में ऊर्जा की मांग बढ़ेगी। भविष्य में भूमिगत ऊर्जा के कुछ अन्य भण्डारों का भी पता चल जाएगा। पर ऐसे स्थान बोहोत दूर होने के कारण उन्हें खोज पाना इतना आसन नहीं है। ईंधन लकड़ी की स्थिति अभी से भयानक रूप ले चुकी है और देश में कुल क्षेत्रफल में वन क्षेत्र केवल 17 से 19 प्रतिशत रह गया है, जबकि आदर्श स्थिति के अनुसार यह 33 प्रतिशत से काम नहीं होना चाहिए। जनसँख्या वृद्धि के कारण वनों पर दबाव अभी और बढ़ेगा।
सौर ऊर्जा का महत्व?
सौर ऊर्जा हमारे जीवन में अधिक महत्व रखती है क्योकि यह ऊर्जा का एक स्वच्छ और नवीकरणीय स्त्रोत है। इस प्रकार यह किसी भी तरह से पृथ्वी को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। यह ऊर्जा के अन्य प्रदूषण स्त्रोतों पेट्रोलियम गैसों, डीजल, तेल आदि से काफी बेहतर विकल्प हैं। इसके इलावा इसमें कम रखरखाव लगता है। यह दैनिक आधार पर उपलब्ध है और साथ ही साथ इससे किसी तरह है प्रदूषण भी नहीं होगा।
सोलर पैनल सिस्टम को बहुत अधिक सौर ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती। इसके अलावा वे 5 से 10 साल की वारंटी के साथ आते है जो बहुत फायदेमंद है। सबसे अच्छी बात यह है की इससे बिजली का बिल कम आता है।
हम इसका इस्तेमाल ज़्यादातर खाना बनाने और घरो को गर्म रखने के लिए करते है। इस प्रकार यह उपयोगिता बिलो की लागत को कम करता है और हमे कुछ पैसे बचने में मदद करता है। इसके अलावा सौर ऊर्जा के कई अनुप्रयोग भी है। बोहोत सारे समुदाय और गांव अपने घरो और कार्यालयों और अन्य चीज़ो को बिजली प्रदान करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करते है। हम इसका उपयोग उन क्षेत्रों में भी कर सकते है जहा पावर ग्रिड तक नहीं पहुंच सकती।
सौर ऊर्जा संयंत्र के उपयोग?
1. प्रत्यक्ष उपयोग (Direct)
- सूर्य के ताप से निकलने वाली ऊष्मा ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में रुपातंरित करके।
2 . अप्रत्यक्ष उपयोग (Indirect Use)
- वायु – ऊर्जा का उपयोग करके।
- सामुद्रिक तरंगो की ऊर्जा का उपयोग करके।
- बांध में एकत्रित जल की ऊर्जा का उपयोग करके।
- कोयले व लकड़ी जलाने पर उससे निकलने वाली उष्मा का उपयोग करके।
सौर ऊर्जा संयंत्र के लाभ
(1) सौर ऊर्जा की मदद से बिजली का निर्माण होता है। सोलर पैनल की सहायता से सूर्य से निकलने वाली किरणों को ऊर्जा में बदला जाता है जिससे बिजली का निर्माण होता है। हमारे देश में काफी लोगो ने अपने घरो और अन्य जगहों पर सोलर पैनल लगवाने की समझदारी की है।
(2) लोग सरकार से बिजली ना ले कर खुद से बिजली का निर्माण करते है जिससे उन्हें बिजली के लिए पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती और ज़्यादा बिजली बनने से वह लोग बिजली बेच भी सकते है। सोलर पैनल लगवाने के लिए सरकार ने लोगो को प्रेरित करना शुरू किया, सरकार ने लोगो को प्रेरित करने के लिए कई योजनाए भी चलाई जिससे लोग सूर्य से बिजली उत्पन्न कर सकें और बिजली की बचत हो सकें|
(3) सौर ऊर्जा से गैस की भी बचत होती है। सोलर कुक्कर की सहायता से खाना बनाया जा सकता है। सोलर कुक्कर में हम दाल चावल से लेकर कोई भी पकवान बना सकते है। इस सोलर कुक्कर को चलाने के लिए न किसी ईंधन की आवश्यकता है और ना किसी गैस की, यह कुक्कर सूर्य की किरणों से चलाया जा सकता है।
(4) सोलर कुक्कर केवल खाना बनाने के उपयोग में ही नहीं बल्कि अन्य चीज़ो के काम में भी आएगा जैसे – पानी को गर्म करना इत्यादि। धूप का प्रभाव अच्छा होने पर सोलर कुक्कर लगभग 200F तक गर्माहट बना सकता है।
(5) यह ऊर्जा का एक अच्छा रूप है जो निशुल्क होता है केवल शुरुवात में निवेश और रख-रखाव के इलावा इसमें किसी प्रकार के निवेश की आवश्यकता नहीं होती।
(6) जब तक सूर्य मौजूद है तब तक पृथ्वी पर पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा उपलब्ध रहेगी, क्योकि ऊर्जा सूर्य से बनती है।
(7) सोलर एनर्जी को बैटरी में एकत्रित किया जा सकता है और इसमें उपयोगिता की लागत कम लगती है।
(8) एक महीने में हम सूर्य से जितनी ऊर्जा प्राप्त करते है वह ईंधन वाली ऊर्जा से अधिक है। एक मीटर की सतह पर गिरने वाली सौर ऊर्जा 60 वाट की पांच लैम्पो में बिजली प्रदान कर सकता है।
(9) सोलर एनर्जी के उत्पादन में पर्यावरण को किसी प्रकार की हानि नहीं होती है।
(10) ग्रामीण क्षेत्रों में लोगो को बिजली की परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन सौर ऊर्जा के उपयोग से अधिक से अधिक लोगो के पास बिजली पहुंच सकती है और उन्हें बिजली खरीदने के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे।
सौर ऊर्जा संयंत्र की हानियाँ
- सर्दियो के दौरान धूप का प्रभाव कम होता है जिसकी वजह से ऊर्जा बहुत कम बनती है और इसलिए ऊर्जा का उत्पादन भी बहुत कम होत है ।
- शुरुआत में इस संयंत्र को लगाने के लिए शुरुआती निवेश पूंजी काफी अधिक है ।
- इस सन्यंत्र कि एक कमी ओर है , इस सन्यंत्र को चलाने के लिये धूप कि आवश्यकता होती है और रात के समय यह बिजली नहीं बना पाएगा और इसीलिये पहले से संचित बिजली का उपयोग करना होगा।
- इस पैनल को लगाने के लिये बहुत ज़्यदा स्थान की ज़रूरत होती है और साथ ही वह जगह छाया मुक्त होनी चाहिये परंतु जिन स्थानो पर धूप का प्रभाव कम होगा उन संस्थानों पर इस पैनल को लगाने को काई फायदा नहीं है ।
- इस सन्यंत्र से तो कोइ प्रदूषण नही होगा पर इनकी संरचना मे बोहोत प्रदूषण होता है। सोलर सैल मे सिलिकोन होता है, और यह पर्यावरन के लिये हानिकारक होता है ।
- इसमे इस पैनल किये जाने वाले उपकरण काफी महंगे और नजुक होते है ।
- सोलर पैनल कि देख–रेख करना बहुत मुश्किल होता है क्योकि इसे समय – समय पर साफ – सफाई कि आवश्यकता होती है और इसे साफ करना इतना आसान नहीं है ।
- यदि पैनल लगाते वक़्त इसकि दिशा का ध्यान नही रखा गया तो इस पैनल से नुक्सान हो सकता है ।
- इस पैनल पर जितनी छाया होगी यह उतनी ही कम बिजली बनाएगा ।
- यह पैनल बारिश के दिनो मे काम नही करेगा, इसे बारिश से बचाना होगा, यदि नही बचाया गया तो यह खराब हो सकता है।
निबंध-
- विज्ञान एक वरदान या अभिशाप
- विश्व पर्यावरण दिवस कब है?
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है?
- विश्व गौरैया दिवस कब है?
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?
- राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध व कविता
- राष्ट्रीय बालिका दिवस पर निबंध व भाषण
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण व निबंध
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण
- विश्व पृथ्वी दिवस पर भाषण व निबंध हिंदी में
- विश्व जल दिवस पर निबंध
- जल संरक्षण पर निबंध
- विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है? इसका महत्व एवं इतिहास
- विश्व ओज़ोन दिवस कब मनाया जाता है?