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World Tiger Day 2023 history Facts in hindi: आज है विश्व बाघ दिवस, अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस क्यों मनाया जाता है? जानिये इसका इतिहास, महत्त्व तथा रोचक तथ्य

World Tiger Day 2023 history Facts in hindi, World Tiger Day Theme 2023 in hindi, Facts about Tiger day in hindi, what is Tiger Projects in hindi (अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस क्यों मनाया जाता है?, इतिहास, महत्त्व, टाइगर प्रोजक्ट क्या है?, भारत में बाघों की संख्या एवं स्थिति क्या है?)

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस विश्व स्तर पर प्रति वर्ष 29 जुलाई को मनाया जाता है। आज विश्व भर में 13वां अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जा रहा है। विश्व बाघ दिवस में जंगली बाघों की प्रजाति की घटती संख्या तथा बाघों के प्रति जन जागरूकता के लिए मनाया जाता है। बाघ बिल्लियों की प्रजाति का प्राणी तथा यह शिकारी प्रवृत्ति का जीव है। लेकिन यह फिर भी स्वतंत्र रूप से विचरण करता आ रहा है । आज विश्व भर में बाघों को संख्या लगभग 4000 से भी कम रह गई है। जंगली जानवरों का अवैध व्यापार के लिए उनका शिकार व जलवायु परिवर्तन इसका प्रमुख कारण रहा है।

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बाघ दिवस का उद्देश्य उनके आवासों की रक्षा और विस्तार करना और संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन बाघों के संरक्षण के महत्व के बारे में व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस क्यों मनाया जाता है?

पिछले दशकों में बाघों की सख्या में 95% की गिरावट हुई है, जो वर्तमान में घटती जा रही है इसी के निवारण के लिए विश्व बाघ दिवस मनाया जा रहा है। जिससे बाघों की प्रजाति के संरक्षण के लिए कदम उठाये जा सकें।

इसमें कई WWF, सिमथसोनियन, IFAW जिसे विश्व स्तरीय संगठन शामिल हुए।

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बाघ जानवरों की प्रजातियों में सबसे राजसी जीव हे, जो स्वतंत्र रूप से विचरण करते आ रहे है। साइबेरियन बाघ,  रॉयल बंगाल टाइगर,  सफेद बाघ आदि बाघ बिल्लियों की प्रजाति में ही आते है, जो स्वतंत्र रूप से अपने स्थान पर शासन करते है। किंतु बाघों के निवास स्थान का दोहन, जलवायु परिवर्तन,  जंगलों का कटाव,  अवैध जानवरों का व्यापार जैसे कारणों से इनकी संख्या में कमी आ रही है। इसी कारणवश इस लुप्त हो रही प्रजाति को बढ़ाने तथा इस पर जन जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’  मनाया जाता है।

विश्व भर के जंगलों में बाघों की संख्या लगभग 3,900 अनुमानित है तथा अकेले भारत में 3,000 जंगली बाघ हैं। वर्ड वाइल्ड लाइफ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जंगली बाघों की आबादी अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है।

World Tiger Day 2023 history Facts in hindi

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का संक्षिप्त विवरण (Details about on World Tiger Day 2023 in hindi)

क्यों मनाया जाता है?लुप्त हो रही प्रजाति बाघ के संरक्षण हेतु जागरुकता फैलाना
बाघ दिवस 202313वां अंतर्राष्ट्रीय दिवस
कब मनाया जाता है?29 जुलाई 2023
शुरुआत2010
पहला बाघ सम्मेलनसेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मलेन, सोवियत संघ रूस
विषय बाघों का संरक्षण तथा पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व पर प्रकाश डालना
सहयोगी मेजबान देशभारत और रूस
2023 थीम (Theme)बाघों के साथ एक भविष्य: पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने हेतु कार्य करना”

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2023 आयोजन (International Tiger Day 2023 Celebration)

2023 में अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का 29 जुलाई 2023 को मनाया जायेगा। इसका उद्देश्य  ‘’बाघों की अवैध हत्या और उनके संरक्षण के लिये जागरूकता बढ़ाना है।‘’

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ कार्यालय, संगठन, मशहूर हस्तियां, सरकारें, गैर-सरकारी संगठन आदि बाघ बचाने के अभियानों के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित करके अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का इतिहास (World Tiger Day 2023 history Facts in hindi)

आज विश्व भर में 13वां अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मानने का सर्वप्रथम प्रयास सोवियत संघ रूस के शहर सेंटपीटर्सबर्ग में सन् 2010 में किया गया। पिछली शताब्दी में 97 प्रतिशत बाघ गायब हो गए थे और सिर्फ 3,000 बाघ ही शेष रहे। बाघों के विलुप्त होने का खतरा था, इसलिए रूस के पीटर्सबर्ग में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में 29 जुलाई को ‘विश्व बाघ दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 13 देश सम्मिलित हुए।

इस सम्मेलन में बाघों की संख्या में आई गिरावट के कारण बाघों के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए कार्यों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक प्रस्ताव अपनाया। बाघों की आबादी को वर्तमान 3,200 से दोगुना करके कम से कम 6,000 करने के लक्ष्य के साथ टीएक्स2 की स्थापना की गई थी। बाघों की प्रजाति के विलुप्त होने की चिंताओं के कारण 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया था।

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भारत को ‘बाघों का घर’ कहा जाता है तथा यह गर्व का विषय है की भारत में 70% बाघ पाए जाते है। (WWF) वर्ल्ड वाइड लाइफ की रिपोर्ट के अनुसार, आज भारत में बाघों की सख्या लगभग 3000 के करीब हो गई है तथा भारत के लिए नौवां वर्ष एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि प्रधानमंत्री श्री मान् नरेंद्र मोदी जी ने 2018 में भारत में किए गए चौथे वार्षिक अखिल भारतीय बाघ आकलन अभ्यास के चिंताजनक परिणाम जारी किए। भारत में बाघ संरक्षण तथा बाघों की आबादी को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने सन् 2022 में प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया व 2022 में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की थीम “India launches project tiger to revive the tiger population” रखी गई। विश्व बाघ दिवस 2023 की Theme थीम “बाघों के साथ एक भविष्य: पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने हेतु कार्य करना” (World Tiger Day Theme 2023: A Future With Tigers: Working to Save Ecosystems) निर्धारित की गई है।

विश्व में बाघों की प्रजातियां (Species of Tigers in the World)

बाघ बिल्लियों की प्रजाति में आता है, यह मांसाहारी जानवर है। इनके शरीर पर बड़ी काली धारियां होती है तथा अलग-अलग स्थानों पर इनकी अलग-अलग प्रजातियां होती है। बंगाल बाघ,  साइबेरियन बाघ, मलय बाघ,  एंडोचेनिज बाघ,  दक्षिणी चीन बाघ आदि प्रजातियां भारत में पाई जाती है तथा इनकी आबादी चीन, नेपाल, बांग्लादेश देशों की आबादी से भी कम है व मात्र 2500 से कम जंगलों में ही बाघ जीवित बचे है। इनकी आबादी में निरंतर कमी हो रही है।

1970  के दशक में भारत में बाघ अभयारण्यों का निर्माण हुआ, जिसमें बाघों की आबादी को स्थिर कर दिया गया। 2019 में,  भारत सरकार ने 18 राज्यों में एक सर्वेक्षण के बाद देश में बाघों की संख्या 2,967 होने का अनुमान लगाया था। 29 जुलाई, 2019 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 में यह व्यक्त किया गया है कि भारत में बाघों की आबादी 2018 में 2,967 से बढ़कर 2967 हो गई।

विश्व में बाघों का स्थान (Place of Tigers in the World)

विश्व में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 2010 में विश्व में बाघों की संख्या लगभग 3200 के करीब दर्ज की गई थी। अगले चार वर्षों में इनकी संख्या बढ़ी है, जो बढ़कर 2014 तक लगभग 3890 हो गई तथा उन चार वर्षों में बाघों की संख्या विश्व में 700 तक बढ़ी है, इसी तरह दुनिया भर में बाघों की सख्या में इजाफा हुआ।

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70% फीसदी बाघों की संख्या भारत में है तथा भारत में लगभग 2226 बाघ है, जिसे दुनिया में बाघों की संख्या को देखते हुए भारत का पहला स्थान है। भारत के बाद दूसरा स्थान रूस का है, यहाँ बाघों की संख्या 433 व इसके बाद साइबेरिया 371, मलेशिया 250, नेपाल 198, थाइलैंड 189, बांग्लादेश 106, भूटान 103 है। ताजा आकड़ों 2022 के अनुसार भारत में लगभग 3167 बाघ मौजूद है

1970  के दशक में भारत में बाघ अभयारण्यों का निर्माण हुआ, जिसमें बाघों की आबादी को स्थिर कर दिया गया। 2019 में,  भारत सरकार ने 18 राज्यों में एक सर्वेक्षण के बाद देश में बाघों की संख्या 2,967 होने का अनुमान लगाया था। 29 जुलाई, 2019 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 में यह व्यक्त किया गया है कि भारत में बाघों की आबादी 2018 में 2,967 से बढ़कर 2967 हो गई।

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टाइगर प्रोजक्ट क्या है? (India Tiger Project)

भारत में बाघों की संख्या में निरंतर गिरावट को देखते हुये। सन 1973 में भारत सरकार ने टाइगर प्रोजक्ट शुरु किया। इसके पहले चरण में 18,278 वर्ग क्षेत्र में 9 टाईगर रिजर्व पार्कों को बनाया गया। आज के समय भारत में इनकी संख्या बढ़कर 53 हो गई है और यह क्षेत्र 75,500 वर्गक्षेत्रफल तक बढ़ गया है। प्रोजेक्ट टाइगर के पहले निदेशक कैलाश साखला थे जिन्होंने इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें भारत में ‘द टाइगर मैन’ कहा जाता है।

भारत में बाघों की संख्या एवं स्थिति

ताजा आकड़ों के अनुसार भारत में पिछले 4 वर्षों के अंदर-अंदर बाघों की संख्या निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। प्रत्येक 4 वर्षों में यह आकड़े जारी किये जाते हैं।

वर्षसंख्या
20223,167
20182,967
20142,226
20101,706
2006 1,411

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का महत्त्व (International Tiger Day Significance)

वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ (WWF) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कई दशकों से विश्व से 97 प्रतिशत बाघों की सख्या घटी है, पिछले 100 वर्षो में बाघों की संख्या 1,00,000 से घटकर वर्तमान में लगभग 3,000 रह गई है। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ (WWF) ने 2010 में बाघ दिवस के मौके पर बाघ आबादी वाले देशों के साथ मिलकर 2022 तक बाघों की सख्या दो गुनी (6000) करने का लक्ष्य रखा। जंगली बाघों के संरक्षण के लिए वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड (WWF), स्मिथसोनियन कंजरवेशन बायोलॉजी इंस्टिट्यूट(SCBI) और अंतर्राष्ट्रीय फंड फॉर एनिमल वेलफेयर (IFAW) जैसे कई संगठन अपना योगदान दे रहे है।

एक वक्त था, जब अफ्रीका के जंगलों में बाघों को खुले रूप में विचरण करते देखा गया था, किंतु इनके शिकार व अवैध व्यापार के चलते यहाँ उनकी आबादी 7 प्रतिशत घट गई है। भारत के 18 राज्यों में बाघों के 51 अभ्यारण्य है। 2018 की जनगणना के दौरान इनकी आबादी को बढ़ते देखा गया।

अफ्रीका व एशिया की बिल्ली की प्रजातियों में बाघ सबसे बड़ी प्रजाति है। एक समय में बाघों की सख्या बहुतायत थी, परंतु अब यह केवल 5 प्रतिशत ही जीवित रह गए है। जिसका मुख्य कारण इनका शिकार व जंगलों के क्षेत्रफल में निरंतर कमी आना है।

बाघ की प्रजाति पारिस्थितिकी तंत्र की खाद्य श्रृंखला को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है, इसी कारण वश यह विलुप्त हो रही प्रजाति एक चिंता का विषय है तथा दुनिया भर में इसकी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने की दृष्टि से तथा बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 29 जुलाई को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’ के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया। यह दिन बाघों के संरक्षण तथा पारिस्थितिकी तंत्र  के संतुलन को बनाए रखने में बाघों की महत्वपूर्ण भूमिका को बताता है और इस प्रजाति के संरक्षण व सुरक्षा के लिए हमें क्या कदम उठाने चाहिए, इसकी ओर हमें सचेत करता है।

बाघों से संबंधित रोचक तथ्य (Tiger Day Important facts)

  • बाघ एक मांसाहारी जीव है, यह घात लगाकर दूसरे जीवों का शिकार करता है। इनका झुंड ’घात या स्ट्रीक’ कहलाता है।
  • भारत, भूटान,  नेपाल,  बांग्लादेश में सफेद बाघ पाये जाते है, जो बाघ की प्रजाति का दुर्लभ रूप हैं।
  • बाघ अन्य जानवरों की आवाज की नकल के लिए विख्यात है।
  • बाघ 20 लाख साल से पृथ्वी पर मौजूद है और यह जानकारी हमें दक्षिणी एशिया में मिले जीवाश्मों से मिलती है।
  • आज जितने बाघ स्वतंत्र है, उसे अधिक बाघ कैद है।
  • बाघ की दहाड़ अपने शिकार की पंगु बनने में सक्षम होती है, क्योंकि बाघ की आवाज इन्फ्रासाउंड आवृति उत्पन्न करती है।
  • हर बाघ में उनकी काली धारियां अनोखी होती है।
  • भारत में बाघों की सबसे ज्यादा संख्या पाई जाती है, जो की लगभग 3000 के करीब है।
  • बाघों को 9 प्रजातियां पाई जाती थी, जिनमें से 3 विलुप्त हो चुकी है तथा बाकी 6 भी लुप्त होने की कगार पर है जो निम्न है – जावन बाघ,  कैस्पियन बाघ,  सुमात्रा बाघ, साइबेरियन बाघ,  बाली बाघ,  दक्षिणी चीन बाघ आदि।

आइये इन्हें भी जाने-

FAQ

विश्व बाघ दिवस 2023 की थीम क्या है?

बाघों के साथ एक भविष्य: पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने हेतु कार्य करना”

भारत में कितने बाघ बचे हैं?

ताजा आकड़ों 2022 के अनुसार भारत में लगभग 3167 बाघ मौजूद है इस तरह आज के भारत में पुरी दुनियां के 75 प्रतिशत बाघ मौजूद हैं।

भारत के 5 टाइगर रिजर्व पार्क के नाम कौन से हैं?

1. कान्हा टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश, 2. जिम कार्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड, 3. रणथंभौर टाइगर रिजर्व, राजस्थान, 4. बांधवगढ़ और बांदीपुर टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश, 5. कांजीरंगा, असम

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