शहीद दिवस 23 मार्च को मनाया जाता है। देश की आजादी के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों की याद में मनाया जाता है शहीद दिवस, 23 मार्च 1931 के दिन भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को फांसी दी गई थी।
इन तीनों की फांसी का दिन 24 मार्च 1931 नियुक्त किया गया था लेकिन बिट्रिश सरकार जनाक्रोश को देखते हुए एक दिन पहले ही चुपचाप फांसी दी गई थी।
अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई करने वाले शहदी-दे-आजम भगत सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद का नारा भी दिया। जो आज भी युवाओं में एक नया जोश भर देता हैं।
शहीद भगत सिंह को 1919 में हुए जलियांवाला बाग कांड ने उन्हें अंदर से झकझोर कर रख दिया था उस समय वह केवल 12 वर्ष के थे।
भारत के महान सपूतों एवं देशभक्तों की शहादत की याद करते हुयें, आज पूरा देश इनकी वीरता को नमन करता है।